70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुइयाँ ने पहाड़ को काट कर बना डाली नहर

70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुइयाँ ने पहाड़ को काट कर बना डाली नहर

रिपोर्ट- सुशील पाण्डेय ✍️

*हिम्मत करे इंसान तो क्या हो नहीं सकता.*..........

*70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुइयाँ ने पहाड़ को काट कर बना डाली नहर।*

*5 किलोमीटर लंबी नहर बनने से तीन गाँव के किसानों को मिल रहा लाभ।*............

*बेचैन कभी थे वे भी कुछ ,जो आज हँसी में दिखते हैं।*

*धैर्य ,लगन ,मेहनत के सिवा ,बाकी बाज़ार में मिलते हैं।*..............

गया - बिहार के माउंटेनमैन दशरथ मांझी का नाम हर किसी ने सुना है. जिन्होंने एक हथौड़ा और छैनी से अकेले ही 360 फुट लंबी, 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊंचे पहाड़ को काट कर 22 सालों के कड़ी मेहनत के बाद सड़क बना डाली थी. ऐसे ही एक 70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुईयां ने अपनी मेहनत से गांवों के सैकड़ों लोगों की मुश्किलें दूर कर दीं. तीस साल की कड़ी मेहनत से पहाड़ काट कर पांच किलोमीटर लंबी नहर बना डाली. अब पहाड़ और बारिश का पानी नहर से होते हुए खेतों में जा रहा है.  जिससे तीन गांव के लोगों को फायदा हो रहा है.  बिहार के गया के रहने वाले लौंगी भुईयां ने कड़ी मेहनत से वो मिसाल पेश की है, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा. 30 सालों तक कड़ी मेहनत कर पहाड़ से गिरने वाले बारिश के पानी को इकट्ठा कर गांव तक लाने की ठान ली और वो रोज घर से जंगल में पहुंच कर नहर बनाने लगे. कोठीलवा गांव निवासी लौंगी भुईयां अपने बेटे, बहू और पत्नी के साथ रहते हैं. भुईयां ने बताया कि पहले परिवार के लोगों ने उन्हें खूब मना किया. लेकिन उन्होंने किसी नहीं मानी और नहर खोदने में जुट गए. दरअसल, इलाके में पानी की कमी की वजह से लोग केवल मक्का और चना की खेती किया करते थे. ऐसे में गांव के सारे नौजवान अच्छी नौकरी की तलाश में गांव से पलायन कर चुके थे. ज्यादातर लोग गांव से दूर काम की तलाश में चले गए. ऐसे में उनके मन में ख्याल आया कि अगर यहां पर पानी की व्यवस्था हो जाए तो लोगों के पलायन को रोका जा सकता है. कड़ी मेहनत के बाद आज नहर बनकर तैयार है और इस इलाके के तीन गांव के तीन हजार लोगों को फायदा हो रहा है. गांव वालों का कहना है कि जब से होश संभाला है तब से लौंगी भुईयां को घर में कम, जंगल में ज्यादा देखा. वहीं भुईयां का कहना है कि अगर सरकार कुछ मदद कर दे हमें खेती के ट्रैक्टर जैसी सुविधा मिल जाए तो हम बंजर पड़ी जमीन को खेती के लिए उपजाऊ बना सकते हैं, जिससे लोगों को काफी सहायता मिलेगी.  वहीं लौंगी भुईयां के काम से हर कोई प्रभावित है. आज उनका नाम देश को कोने-कोने में लिया जा रहा है. हर कोई उनके जज्बे को सलाम कर रहा है. जिन्होंने 30 साल में पांच फीट चौड़ी और तीन फीट गहरी नहर का निर्माण कर डाला और हजारों लोगों की मुश्किलों को हल कर दिया.  लौंगी भुईयां ने बताया कि मेरी पत्नी,बहू और बेटा सभी लोग ये काम करने की मना करते थे। क्योंकि इसमें कोई पैसा नहीं मिलता था, और सब मुझे पागल कहने लगे थे। लेकिन नहर में पानी आने से, आज सब मेरे इस काम की तारीफ करते हैं। उन्होंने बताया कि पहले वह मक्का और चना की खेती करते थे। बेटा काम की तलाश में शहर चला गया। गांव के ज्यादातर लोग काम करने दूसरे राज्यों में चले गए। फिर एक दिन में बकरी चरा रहा था सोचा कि अगर गांव में पानी आ जाए तो पलायन रुक सकता है। लोग खेतों में फसल की पैदावार करेंगे। आज नहर बनकर तैयार है और इलाके के 3 गांव के 3000 हजार लोग अब इस नहर से फायदा ले रहे है।