इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया मथुरा जिले में बंद डा.काफिल के रिहाई का आदेश

रिपोर्ट_प्रेमशंकर पाण्डेय ✍️
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से निलंबित तथा भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत मथुरा की जेल में बन्द डॉ कफील खान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने फ़ैसले में कहा कि कफ़ील ख़ान को एनएसए के तहत गिरफ़्तार किया जाना 'ग़ैरक़ानूनी' है। इसलिए डॉक्टर कफ़ील ख़ान को तुरंत रिहा किया जाएं। अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा, "डॉक्टर कफ़ील ख़ान का भाषण किसी तरह की नफ़रत या हिंसा को बढ़ावा देने वाला नहीं था, बल्कि यह लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता का आह्वान था।" बता दे कि कफ़ील खान को 13 फरवरी 2020 को अलीगढ़ ज़िला मजिस्ट्रेट के आदेश पर जेल में बंद किया गया है। काफी दिनों से बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य क्षेत्रों से जुड़े डॉक्टर कफ़ील ख़ान की रिहाई की मांग कर रहे थे। बता दे कि, पिछले साल दिसंबर महीने में डॉक्टर कफ़ील ख़ान ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण दिया था। इस मामले में कफ़ील के ख़िलाफ़ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज किया गया था। 29 जनवरी को यूपी एसटीएफ़ ने उन्हें मुंबई से गिरफ़्तार किया था। मथुरा जेल में बंद डॉक्टर कफ़ील को 10 फ़रवरी को ज़मानत मिल गई थी, लेकिन तीन दिन तक जेल से उनकी रिहाई नहीं हो सकी और इस दौरान अलीगढ़ ज़िला प्रशासन ने उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) लगा दिया।