मऊ: सेवानिवृत्त हुए खंड शिक्षा अधिकारी चन्द्रभूषण पांडेय, भेंट में दिया गया बुके और रामचरितमानस

रिपोर्ट_ओमप्रकाश गुप्त ✍️
मुहम्मदाबाद गोहना/ मऊ।जनपद ही नहीं वरन प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ खंड शिक्षा अधिकारियों में अपनी पहचान रखने वाले बड़े ही मिलनसार कर्मठ और योग्य , मधुर व्यवहार के धनी ,एक कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक सभी अध्यापकों एवं शिक्षक नेताओं के बीच में तालमेल बनाकर चलने वाले लगभग 30 वर्षों की अपने शानदार बेदाग सेवा के बाद खंड शिक्षा अधिकारी, मोहम्मदाबाद गोहना श्री चंद्र भूषण पांडेय कल 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए। जबकि उनके सेवानिवृत्त होने की सूचना कोविड-19 महामारी एवं सरकारी नियमों को ध्यान में रखते हुए कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया गया था , तथापि सैकड़ों की संख्या में अध्यापक एवं अध्यापिकाये शिक्षामित्र अनुदेशक अपने आप ही दोपहर के बाद बीआरसी पर पहुंचने लगे। जैसे ही श्री चंद्र भूषण पांडेय जी सम्मान सभा की ओर बीआरसी हाल में पहुंचे ,सैकड़ों अध्यापक उनका पैर छूकर आशीर्वाद लेने लगे। द्वार पर ही उन्हें अध्यापकों द्वारा बुके भेंट किया गया ।तत्पश्चात श्री पांडेय जी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण किया। तत्पश्चात कम्पोजिट विद्यालय मोहम्मदाबाद गोहना की बच्चियों द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया इसके बाद बड़े ही भावपूर्ण माहौल में विदाई का कार्यक्रम शुरू हुआ। क्रमशः अध्यापक बंधु श्री चंद्र भूषण पांडेय जी की कार्यशैली उनके व्यवहार उनकी कर्मठता, उनके समय बद्धता उनके विचारों आदि की भरे गले से चर्चा करते रहे। इस अवसर पर राजेश राम सहायक अध्यापक कंपोजिट विद्यालय मोहम्मदाबाद गोहाना ने श्री पांडेय जी के साथ लगभग दो वर्षों के अपने कार्यानुभव को बड़े ही भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर धनंजय सिंह प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय मालव ने अपनी कविता। *था जो आंखों का प्यारा वही आज हमसे विदा हो रहा।* के माध्यम से सभी को भावुक कर दिया। उन्होंने श्री पांडेय जी द्वारा समय-समय पर किए गए सहयोग और मार्गदर्शन की विस्तार से चर्चा किया।, अवकाश प्राप्त शिक्षक शिव प्रसाद सिंह ने अपने गीत! *आज दिनवें में काहे अन्हार हो जाला* पेश कर सभी को मर्माहत कर दिया।, इसी क्रम में शशिभूषण राय प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय सुरहुरपुर ने भी एक छोटी सी कविता के माध्यम से अपने अनुभवों तथा सिर्फ पांडेय जी के व्यवहारों को सभी के साथ साझा किया। नगरी पार के प्रधानाध्यापक स्वतंत्र श्रीवास्तव ने भी श्री पांडेय जी के कार्य व्यवहारों एवं सहयोगात्मक रवैया का अपने अनुभव और विचारों को साझा किया। एसआरजी संजय तिवारी ने भी एक गीत के माध्यम से अपनी संवेदना प्रस्तुत किया। इसी क्रम में राकेश यादव, डॉक्टर त्रिपुरारी सिंह, समीम अंसारी, सीमा सिंह मंजू चौरसिया ओम प्रकाश ओझा, रामनिवास मौर्या, नदीम खान आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किए। विदाई समारोह के अंत में खंड शिक्षा अधिकारी चंद्र भूषण पांडे जी को सभी अध्यापक, अध्यापिकाओं, अनुदेशकों और कंप्यूटर ऑपरेटरों तथा शिक्षामित्रों तथा शिक्षणेत्तर कर्मियों ने प्रतीक चिन्ह, वस्त्र, अंग वस्त्र, स्केच, श्री रामचरितमानस तथा अनेकानेक उपहारों एवं फूल -मालाओं से लाद दिया। विदाई के इस अवसर पर अनेकों बार श्री पांडे जी काफी भावुक हो उठे उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि *मैंने अपने सेवा काल में अनेक जनपद में अनेक ब्लॉकों में सेवा किया है लेकिन जो प्यार दुलार मोहम्मदाबाद गोहना से मिला वह और कहीं से नहीं मिला।* और आजीवन इस प्यार और दुलार को मैं अपने मन में संजोकर रखूँगा !" बीआरसी सभागार मोहम्मदाबाद गोहना में विदाई समारोह संपन्न होने के बाद भी 50 से 60 अध्यापक अपने-अपने निजी वाहनों से श्री पांडे जी को उनके घर पुनर्जी जहानागंज आजमगढ़) तक पहुंचाया ! निश्चित रूप से विदाई समारोह आएदिन बहुतों का देखने को मिलता है लेकिन जिस सम्मान के साथ श्री पांडेय जी विदा हुए वैसा बहुत ही कम या न के बराबर देखने को मिलता है।