पूर्वजों के प्रति श्रद्धा,सम्मान का महापर्व पितृपक्ष प्रारंभ,सर्व पितृ विसर्जन श्राद्ध अमावस्या 17को

रिपोर्ट_ डॉ.रामचंद्र दुबे ✍️
आज से पितृ पक्ष आरम्भ हो जाएगा जो 15 दिन तक चलता है। पितृ पक्ष में सभी पितृ पितृलोक को छोड़कर अपने अपने सबंधियो से मिलने पृथ्वी लोक पर आते है। आज का मनुष्य अपनी भाग दौड़ के जीवन मे ध्यान ही नही देता इन बातों पर सिर्फ सांसारिक कार्यो में लगा रहता है। ऐसे बहुत से लोग है जो इस समय पितृ के लिए कुछ भी नही करते और ना ही उनके लिए भोग आदि निकालते है जिसके कारण पितृ भूख प्यास से पीड़ित होकर अपने ही वंश पर दोष लगा देता है। जिससे जीवन मे भयंकर पीड़ाये सहन करने को मिलती है। इसलिए जिनको पितृ दोष है या पितृ किरपा प्राप्त करनी है उनके लिए ये 15 दिन बहुत महत्वपूर्ण है। किसी भी शुभ कार्य के लिए पितरो का आशीर्वाद बहुत आवश्यक होता है। इन 15 दिनों में जो पितरो की कृपा पा लेता है उसके जीवन मे बहुत सी समस्याए सयम ही हल हो जाती है। आज का मनुष्य पितृ दोष से बहुत पीड़ित है क्योकि उनको ज्ञात ही नही है पितृ कौन है और कैसे पूजन विधि विधान है। जिनको पितृ दोष लगा हुआ है उनको पितृ शांति का कार्य इस समय करवा लेना चाहिए। यदि तन्त्र विधि पितृ दोष का निवारण करवाते है तो तुरंत प्रभाव देखने को मिलता है। कुछ सामान्य उपाय हैं जिनको पितृ पक्ष में कर लेना चाहिए। 1. पीपल वृक्ष की जड़ में मीठा जल अर्पित करने से और दिया जलाने से भी पितृ संतुष्ट होते है। 2. किसी निर्धन को भोजन और दान देना चाहिए पितरो के नाम से। 3. कुत्तों और पक्षियों के लिए भोजन देना चाहिए। 4. भागवत गीता, गरुड़ पुराण का पाठ करना चाहिए। 5. भगवान विष्णु का विशेष रूप से पूजन करना चाहिए। 6. पितरो के लिए नित्य भोग निकालना चाहिए और सर्व पितृ अमावश्या वाले दिन सभी का विधि विधान से पिंड दान करवाना चाहिए।