बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इस्तीफे के बाद आगामी विधानसभा चुनाव में ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌लड़ सकते हैं चुनाव

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इस्तीफे  के बाद आगामी विधानसभा चुनाव में ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌लड़ सकते हैं चुनाव

रिपोर्ट- विनय राय ✍️

पटना:बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने अचानक स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी पांडेय आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि वे आज शाम छह बजे सोशल मीडिया पर देशवासियों से मुखातिब होंगे। इसी दौरान वह अपनी आगे की रणनीति के बारे में खुलासा कर सकते हैं। गुप्तेश्वर पांडेय के राजनीति में आने की अटकलों के बीच सत्ता के गलियारों से लेकर चौक-चौराहों पर उनके राजनीतिक भविष्य का भी अनुमान लगाया जाना शुरू हो गया है। बिहार की राजनीति में जैसे ही कोई अपना भाग्य आजमाने उतरता है तो सबसे पहले जनता उसकी जाति जानना चाहती है। गुप्तेश्वर पांडेय के नाम में लगे सरनेम से तो ब्राह्मण हैं। लेकिन भूमिहार बाहुल्य इलाकों में जिस तरह से उन्होंने क्राइम को कम किया उसके चलते इस समाज के कुछ लोग उन्हें अपना मानते हैं। ऐसे में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या गुप्तेश्वर पांडेय फॉरवर्ड समाज खासकर भूमिहार और ब्राह्मण समाज का साफ-सुथरा चेहरा बन पाएंगे। क्योंकि गुप्तेश्वर पांडेय पूरी नौकरी के दौरान बिहार के बाहुबलियों और अपराधियों के जानी दुश्मन बने रहे। खास बात यह है कि गुप्तेश्वर पांडेय का बतौर एसपी कार्यकाल भूमिहार बाहुल्य बेगुसराय और जहानाबाद में चर्चित रहा। बेगुसराय में गुप्तेश्वर पांडेय के एसपी रहते हुए करीब 42 एनकाउंटर हुए, जिसमें से ज्यादातर अपराधी इसी जाति विशेष से आते थे। इसी तरह जहानाबाद में भी भूमिहार समाज पर नरसंहार हुए तो गुप्तेश्वर पांडेय ने फॉरवर्ड जाति से होने के बावजूद कार्रवाई करने में तनिक भी झिझकता नहीं दिखाई। इस वजह से वह काफी चर्चा में रहे थे।