जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल के अधीन अब पुलिस,अखिल भारतीय सेवाएं और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो

जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल के अधीन अब पुलिस,अखिल भारतीय सेवाएं और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो

रिपोर्ट_ प्रेम शंकर पाण्डेय ✍️

नईदिल्ली: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सुचारू रूप से कामकाज करने के लिए नियम जारी किए हैं। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के अधीन अब पुलिस, अखिल भारतीय सेवाएं और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी होंगा। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, ये नियम केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 के तहत ही अधिसूचित किए गए हैं। 

नियमों में कहा गया है कि किसी मामले में उपराज्यपाल और मंत्री परिषद में विचारों में मतभेद होने की दशा में एलजी ही इसको केंद्र सरकार के पास राष्ट्रपति के फैसले के लिए भेजेंगे।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में 39 विभाग होंगे जिसमें कृषि, स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, वानिकी, चुनाव, सामान्य प्रशासन, गृह, खनन, ऊर्जा, पीडब्ल्यूडी आदि शामिल हैं।
नियम में यह भी कहा गया है कि राज्‍य में मुख्यमंत्री जब निर्वाचित होंगे तो उनकी सलाह पर राज्‍यपाल सरकार के कामकाज का आवंटन मंत्रियों के बीच करेंगे। राज्‍यपाल मंत्रियों को एक या अधिक विभाग आवंटित कर सकते हैं। गठित मंत्रिपरिषद उपराज्यपाल के नाम पर विभागों की ओर से जारी आदेश और अनुबंध के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेवार होगी। 
सरकार से मतभेद की दशा में उपराज्यपाल दो हफ्ते में चर्चा करेंगे। यदि मतभेद नहीं सुलझता है तो उपराज्यपाल इसे परिषद को भेजेंगे। यदि 15 दिनों में भी कोई फैसला नहीं होता है तब उपराज्यपाल उक्‍त मसले को केंद्र के पास राष्ट्रपति के फैसले के लिए भेजेंगे। विवादित मसले पर राष्‍ट्रपति जो फैसला लेंगे उसी के आधार पर काम होगा। केंद्र और राज्य के बीच विवाद की आशंका वाले मसले को उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा।