लहुरी काशी के मालवीय कर्मवीर सत्यदेव सिंह की मनी 7 वीं पुण्यतिथि

रिपोर्ट- प्रेम शंकर पाण्डेय
प्रो सानंद सिंह द्वारा आगंतुक प्रति व्यक्ति का आवभगत सम्मान की चर्चा सभी की जुबान पर
संगोष्ठी विषय : "लोकतांत्रिक समाज के विकास में शिक्षा के सरोकार " का समापन
कर्मवीर सत्यदेव सिंह प्रेरणा के है श्रोत - कुलपति वंदना सिंह
गाजीपुर (उप्र)। शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी सत्यदेव ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस के संस्थापक कर्मवीर सत्यदेव सिंह की 7 वीं पुण्यतिथि भव्य तरीके से समपन्न हुआ।विगत 27 दिसंबर को राष्ट्रीय संगोष्ठी विषय समापन का कार्य कर्मवीर सत्यदेव सिंह की सातवीं पुण्यतिथि पर आज श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्ष वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह जी रही। मुख्य अतिथि के रूप में तिब्बत साहित्य मंच वाराणसी के कुलपति प्रोफेसर वांगचुक दोरजी नेगी जी थे।
कार्यक्रम की शुरुआत कर्मवीर सत्यदेव सिंह जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के बाद कालेज के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत से हुआ। राष्ट्रीय संगोष्ठी में आए सभी विद्वान गण का स्वागत अंग वस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह प्रो.सानंद सिंह, प्रो.आनंद सिंह तथा कॉलेजेस के अभिभावक प्रो. हरिकेश सिंह द्वारा प्रदान कर किया गया।प्रो.हरिकेश सिंह जी ने अपने संबोधन में गाजीपुर की धरती को पवित्र धरती बताते हुए कहा कि यहां जैन तीर्थंकर ऋषभ जी जैसे संत का पांव पड़ा है।आज सातवीं पुण्यतिथि का कार्यक्रम आधुनिक भारत के नवनिर्माण का प्रतीक है ।उन्होंने बताया कि प्रज्ञा वीर महान विद्वान विवेकानंद जी समुद्र के किनारे शिला खंड पर बैठकर एक सुदृढ़ भारत, सशक्त भारत बनने की कामना करते थे। उन्होंने सत्यदेव ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस की मुख्य ट्रस्टी श्रीमती सावित्री सिंह जी को प्रणाम करते हुए कहा कि भारत के आदर्श नारियों में श्रीमती सावित्री सिंह जी का भी नाम आएगा जो त्याग और बलिदान की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। संगोष्ठी के विषय पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र शब्द के निर्माण में भारत के ऋषि मुनियों की चेतना तथा सतीत्व की शक्ति समाहित है । जब लोकतांत्रिक समाज की बात हो तो मां भारती का चित्र याद रखना चाहिए। लोकतंत्र की मर्यादा के लिए पवित्र चरित्र की आवश्यकता होती है अंत में उन्होंने सभी आगंतुकों ,अतिथियों को धन्यवाद व्यापित किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रोफेसर वांगचुंक दोरजी नेगी ने अपना आशीर्वचन रखते हुए बताया कि विद्यार्थियों को विद्यालय जाते समय अपने माता-पिता को याद करके जाना चाहिए तब उनका उत्थान होगा। शिक्षा एक ऐसी चीज है जो हमें भौतिक मानसिक आर्थिक विकारों से मुक्ति दिलाती है जैसे हम भूखे हैं तो भोजन करते हैं जो हमें भूख से मुक्ति दिलाता है इस तरह अपनी आवश्यकता की बहुत ऐसी वस्तुएं का उपभोग करते हैं जो हमें मानसिक रूप से या शारीरिक रूप से विकारों को मुक्त करता है ।अतः हम सबको एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए यही मानवीय मूल्य की चेतना है जो शिक्षा का मूलभूत आधार है ।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी विषय "लोकतांत्रिक समाज के विकास में शिक्षा के सरोकार" के अध्यक्ष प्रोफेसर वंदना सिंह जी ने बताया की शिक्षा सदियों से एक ऐसी दक्षता है जो राजा चुनने में मदद करती थी। शिक्षा स्वस्थ मस्तिष्क में आसानी से प्राप्त की जाती है ।अतः उन्होंने स्वस्थ मस्तिष्क से सच्ची शिक्षा को ग्रहण करने के लिए संदेश दिया जिसे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का स्वस्थ भारत का सपना साकार हो सके। इसी क्रम में श्री योगी आनंद जी ने बताया कि जहां अच्छा स्वास्थ्य और अच्छा चरित्र होता है वहां निश्चित रूप से अच्छी शिक्षा ग्रहण की जाती है और एक सुंदर वातावरण का निर्माण होता है जिसे हम लोकतंत्र कहते हैं। कार्यक्रम के दौरान सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस के प्रबंध निदेशक प्रोफेसर सानंद सिंह ने शहीद पत्नी संगज्ञपरिजनों को सम्मानित किया ।बनवासी समाज के लोगों को कंबल वितरण एवं समाज सेवियों का सम्मान किया गया। चौथे स्तंभ पत्रकारिता से जुड़े सभी पत्रकार साथियों को अंग वस्त्रम, कैलेंडर व बैग देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम के अंत में सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेज के मुख्य प्रबंध निदेशक प्रोफेसर आनंद कुमार सिंह ने सभी अतिथिगण माननीय मुख्य अतिथि , संगोष्ठी की अध्यक्ष , उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों एवं प्रांगण में उपस्थित सभी आगंतुक एवं छात्र-छात्राओं,हिंदी गायक बंटी जी को सफल कार्यक्रम में योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
सत्य ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस परिवार से डॉ सुमन सिंह डॉ प्रीति सिंह रेजिडेंट डायरेक्टर अमित रघुवंशी, काउंसलर दिग्विजय उपाध्याय, डॉ रामचंद्र दुबे, डॉ अजीत कुमार यादव, डॉ रोहित कुमार सिंह, डॉ तेज प्रताप, इंजीनियर सुनील कुमार यादव राजकुमार त्यागी ,चंद्रसेन तिवारी इत्यादि स्वागत एवं सम्मान कार्य में अतिथि की भावना से आवभगत में काफी सक्रिय रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन डा. प्रमोद कुमार आनंग ने किया।