सद्भावना की कामयाबी के लिए मानवता का हाथ थामना जरूरी- असजद सिद्दकी

सद्भावना की कामयाबी के लिए मानवता का हाथ थामना जरूरी- असजद सिद्दकी

रिपोर्ट - प्रेम शंकर पाण्डेय

आल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम गाजीपुर ने मानवता की मिशाल किया कायम

जरूरतमंदों को खाना खिलाया, दु:खो को जाना

इंसानियत को आज मुहब्बत बेहद जरुरी

नफरत को नफरत से नहीं प्रेम से हरा सकते हैं- असगर अली

  गाजीपुर (उप्र)। सौहार्द,मानवता और सद्भावना हेतु समर्पित संस्था आल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम ग़ाज़ीपुर यूनिट द्वारा  2 मई 2025 की रात को 8 बजे ग़ाज़ीपुर सिटी रेलवे स्टेशन पर ज़रूरतमंदों में खाना खिलाया गया और उनके दुःख: दर्द को जाना गया।
    कार्यक्रम संयोजक नजमुस्साकिब अब्बासी ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ज़रूरत है कि आज प्रेम का एक ऐसा कारवां तैयार किया जाय जो नफ़रत का दम घोंट दे और इंसानियत को ज़िन्दगी दे दे, इसलिए ज़रूरी है कि हर देशवासियो से मिला जाय,उनके दुःख-दर्द को सुना जाय और उन्हें अपना भाई माना जाय क्योंकि आज इंसानियत को मुहब्बत बेहद जरुरी है।।
   अबूजर सिद्दीकी ने कहा कि ऑल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम गाज़ीपुर यूनिट ने मानवता की सेवा को अपना परम् उद्देश्य बनाया ताकि देश में सौहार्द और मानवता की ठंडी हवा चलाई जा सके और आज का खाना खिलाना उसी कड़ी का हिस्सा है।
   आबिद हुसैन ने कहा कि तन की खूबसूरती पर काम करने से ज़्यादा ज़रूरी मन की खूबसूरती पर काम करने की जरूरत है।जब मन सुंदर होगा तो अल्लाह के बंदों से मुहब्बत होने लगेगी।
   अच्छे लाल कुशवाहा ने कहा कि आज मानव समाज की सबसे बड़ी नेमत मानवता है,अगर किसी को ये मिल गई तो वह समाज का सबसे धनी और सुखी व्यक्ति माना जायेगा।
    अरमान अंसारी ने कहा कि हमें चाहिए कि हम हर किसी के दुःख दर्द में काम आएं,भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए एक दूसरे से मिलें और उन्हें मुहब्बत का भूला हुआ सबक याद दिलाएं।
   तारिक अब्बासी ने कहा कि वर्तमान में जबकि मानवता संकट में है तो ज़रूरत है कि समाज के मध्य जाकर उनमें मानवता का संचार किया जाय और उनके दुःख-दर्द में शामिल हुआ जाय और उन्हें बताया जाय कि तुम हमारे भाई हो और भाई ही भाई के काम आता है।
    सैफ अंसारी ने कहा कि इंसानियत ऐसा शब्द है कि जिसपर समस्त मानव समाज को एकजुट किया जा सकता है, आज समाज में जो विघटन है उसे  दूर करने के लिये मानवता के कार्यों से समाज को जोड़ना ज़रूरी है।
    असजद सिद्दीकी ने कहा कि सद्भावना को कामयाबी हासिल करने के लिये मानवता का हाथ थामना होगा और भाईचारे को स्थापित करने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी होगी।
   सतीश उपाध्याय ने कहा कि  समाज को जोड़ने वाले ऐसे कार्यों से लोगों में प्रेम और भाईचारे का अंकुर फूटता है जिसे सौहार्द की खाद-पानी देते रहना होगा।
  फरहान अहमद ने कहा कि हम अगर ऐसे ही निस्वार्थ भाव से सेवा करते रहे तो एक दिन नफरत को खत्म करने में हम जरूर कामयाब होंगे।
   असगर अली ने कहा कि नफरत को नफरत से नहीं बल्कि प्रेम के माध्यम से हराया जा सकता है।
   क़ाज़ी जीशान अहमद ने कहा कि आज मानवता संकट में है तो हमें चाहिए कि उसको दिलासा दें और उसकी परेशानी दूर करें।


    इस अवसर पर क़ाज राम जनक कुशवाहा,रविन्द्र कुमार,राघवेंद्र पांडेय, अंशुमान सिंह,अब्दुर्रहीम, कलाम अहमद आदि मौजूद थे।