रतनपुरा (मऊ):राजनीति समाज सेवा का माध्यम है,धनोपार्जन का नहीं -सपा नेता रमाकांत राजभर

रतनपुरा (मऊ):राजनीति समाज सेवा का माध्यम है,धनोपार्जन का नहीं -सपा नेता रमाकांत राजभर

रिपोर्ट-वरिष्ठ संवाददाता फतेहबहादुर गुप्त ✍️

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रतनपुरा (मऊ)। अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए चर्चित रहे, रमाकांत राजभर इन दिनों अपने नेता टी स्टाल के जरिए पूरी तरह से रोजी-रोटी से जुड़ गए हैं ,और इससे होने वाली आमदनी का 20 फ़ीसदी हिस्सा जनोपयोगी कार्यक्रमों निर्धनतम व्यक्तियों के कल्याण मे खर्च करते हैं। उल्लेखनीय है कि रमाकांत राजभर रतनपुरा प्रखंड के गुलौरी ग्राम पंचायत अंतर्गत माफी पुरवा के निवासी हैं, और पिछले लंबे अरसे से समाजवादी पार्टी से जुड़ कर के राजनीति क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाए हुए थे। परंतु रोजी रोजगार के साधन उपलब्ध ना हो पाने के कारण रमाकांत राजभर को आर्थिक विपन्नता का सामना करना पड़ा ।इस बीच उन्होंने काफी संघर्ष किया ,और एक होटल पर उन्होंने अपने प्रतिभा के जरिए कई हुनर को आजमाया ।और सफल हुए ।परंतु वहां से होटल स्वामी द्वारा रुखसत कर दिए जाने से वे निराश हो गए ।परंतु कामरेड देवेंद्र प्रसाद मिश्रा के सहयोग से उन्होंने नेता टी स्टाल मिश्रा कटरा के मुख्य द्वार पर खोला। जहां पर उन्हें सफलता मिली ,और अपने पुत्र के साथ नेता टी स्टाल के जरिए नगद मूल्य पर बाटी चोखा चाय नमकीन इत्यादि बेचते हैं, और पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो चुके हैं ।उनका कहना है कि राजनीति को रोजगार का साधन ना बनाया जाए ।यह ऐसा प्रतिनिधित्व का कार्य है ,जहां से गरीब मजलूम और शोषित लोगों को सेवा करने का अवसर प्रदान करती है। अगर इसको हम रोजगार की तरफ मोड़ लेंगे ,तो हम पहचान शून्य हो जाएंगे।