रतनपुरा (मऊ:)संपत्ति के लालच में 65 वर्षीय बुजुर्ग की पुत्र और पोते ने की नृशंस हत्या

रिपोर्ट- फतेहबहादुर गुप्त ✍️
रतनपुरा ( मऊ) ।पिता एवं पुत्र के वात्सल्य जनित पवित्र रिश्ते को शर्मसार करते हुए पुत्र एवं पोते ने मिलकर सम्पति के लालच में अपने ही पिता/दादा की धारदार हथियार से नृशंस हत्या कर दी। और शव को बोरे में बांध कर साक्ष्य मिटाने के फिराक में थे। परन्तु ग्रामीणों एवं छोटे पुत्र की जागरूकता के चलते वे अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सके। सूचना पर सोमवार की प्रात हरधरपुर पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की ,तो सारे मामले का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने बोरे में बांधकर रखे गए शव एवं धारदार हथियार को अपने कब्जे में ले लिया।शव को पोस्टमार्टम हेतु शव विच्छेदन गृह भेज दिया। मृतक के छोटे पुत्र राजा प्रताप एवं रिंकू चौहान के तहरीर पर तीन नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध वाद पंजीकृत कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। हलधरपुर थाना क्षेत्र के मऊ कुबेर ग्राम पंचायत निवासी रामबृक्ष चौहान (65) पुत्र स्व रामधनी चौहान जो कृषि कार्य करके जीवकोपार्जन करते थे। इनके तीन पुत्र एवं तीन पुत्रियां थीं। तीनों पुत्रियों की शादी हो चुकी है। तीनों पुत्रों में बड़ा पुत्र सुभाष चौहान एवं मझला पुत्र मुरली चौहान विगत पांच वर्षों से अपना हक हिस्सा ले कर अलग रहते थे। पिता रामबृक्ष चौहान अपनी पत्नी धनवती देवी के साथ अपने छोटे पुत्र राजा प्रताप उर्फ रिंकू चौहान के साथ अपनी पुस्तैनी मकान में रहते थे। जबकि माता पिता एवं छोटे भाई अलग नई मकान बनाकर पश्चिमी छोर पर रहते थे। बड़े पुत्र सुभाष चौहान रोजी रोजगार के चलते जम्मू में रहते हैं। जबकि उनके लड़के तथा बहू गांव पर रहते हैं। माता पिता से अलग रहने वाला मुरली चौहान घर पर रहकर खेती-बाड़ी का काम करते हैं। सबसे छोटा पुत्र राजा प्रताप उर्फ रिंकू चौहान अपने माता-पिता के साथ रहकर खेती-बाड़ी से जीवकोपार्जन करता है। मृतक रामबृक्ष चौहान के पास कुल पांच विगहा जमीन है।आपसी बाटवारे के समय कुल चार हिस्से लगाये गये। तीन हिस्से तीन पुत्रों में तथा चौथा हिस्सा माता पिता का लगाया गया। थाने पर दी गई तहरीर के अनुसार पुत्र द्वय मुरली चौहान एवं संदीप चौहान माता पिता के चौथे हिस्से को लेकर विवाद करते थे।उनका कहना था कि सम्पति में मात्र तीन हिस्से लगने चाहिए। माता पिता के चौथे हिस्से से उनको सख्त एतराज था। जबकि पिता रामबृक्ष चौहान का कहना था कि चौथा हिस्सा नहीं रहा तो मेरा तथा मेरी पत्नी का गुजारा कैसे होगा। मेरी तीन विवाहित पुत्रियां हैं। उनके तीज खिचड़ी का क्या होगा।इसी बात को लेकर परिवार मे विवाद होता था।इसे लेकर कई बार पंचायत भी हो चुकी थी। लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था। रविवार के प्रात 9 बजे रामबृक्ष चौहान अपने चक के पास पोखरे में मछली देखने गए, लेकिन लौट कर घर नहीं आए। खोजते खोजते जब रात हो गई तो छोटे पुत्र एवं पुत्र बधू ने सम्भावित स्थानों पर खोज बिन किया, लेकिन उनका कोई अता पता नहीं चला।रामबृक्ष चौहान के गायब होने की खबर जंगल की आग की तरह पूरे गांव में फैल गई। और किसी अनहोनी की आंशका के मद्देनजर ग्रामबासी एवं छोटे पुत्र राजा प्रताप उर्फ रिंकू चौहान रात भर जागकर ख़ोज बीन करते रहे। सोमवार की सुबह जब उनका पता नहीं चला तो छोटे पुत्र थाने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने जाने की तैयारी करने लगा। जैसे ही खबर बड़े एवं मझले पुत्र और परिजनों को लगी। तो 112 नम्वर पुलिस को बुला लिया। इससे ग्रामीणों के मन में आशंका होने लगी कि रामबृक्ष चौहान के गायब होने में बड़े एवं मझले पुत्र का ही हाथ है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ किया, तो सारे मामले का पर्दाफाश हो गया। रामबृक्ष चौहान का धारदार हथियार से नृशंस हत्या कर प्लासटिक में लपेट कर बोरे में बंद खून से लथपथ रामबृक्ष चौहान का शव मुरली चौहान के घर से बरामद हो गया। मौके पर हत्या में प्रयुक्त रम्मा एवं गंडासा भी पुलिस ने बरामद कर लिया। मौके का फायदा उठाकर हत्यारे घर से फरार हो गए। ।
मृतक के छोटे पुत्र की तहरीर पर तीन के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज
मृतक के छोटे पुत्र के तहरीर पर मुरली चौहान पुत्र रामबृक्ष चौहान, संदीप चौहान पुत्र मुरली चौहान, उपेन्द्र पुत्र सुभाष चौहान के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में वाद पंजीकृत कर लिया गया है।विगत 22 नवम्वर 2020 को इसी प्रकरण को लेकर काफी विवाद हुआ था। जिसमें पुलिस ने 151की कार्रवाई कर अपने कर्त्तव्यों की इतिश्री कर ली।
जन्म देने वाली मां को पुत्रों ने बनाया विधवा
रामबृक्ष चौहान के नृशंस हत्या के बाद उनकी पत्नी धनवतती देवी का रोते-रोते बुरा हाल है। उन्होंने स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि जिन पुत्रो को नौ महीने पाल कर जन्म दिया। गरीब एवं मुसीबत में उनका पालन-पोषण किया ।भविष्य के सपने संजो कर उनका शादी विवाह किया। जिन पोतो के जन्म पर शोहर गाया ,वहीं हमारे पति के लिए काल बन जायेंगे। मेरा सब कुछ छिनकर अनाथ कर देंगे। इससे तो अच्छा होता कि ईश्वर हमको भी उनके पास बुला लेता।