शक्करपुर के ग्रामीणों ने जनहित में रेलवे अंडर पास बनाने की किया मांग

रिपोर्ट -; अजीत कुमार पाण्डेय
नोनहरा(गाजीपुर)।थानांतर्गत शक्करपुर ग्रामसभा के नागरिक रेल मंत्रालय के जिम्मेदार अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते एक किलोमीटर का सफर चार किलोमीटर की दूरी से तय करने को मजबूर हैं।
औंडिहार से छपरा रेलखण्ड के बीच गाजीपुर सिटी से शाहबाजकुली रेलवे स्टेशन के बीच आने वाला शक्करपुर ग्रामसभा में प्राथमिक विद्यालय के साथ ही जूनियर हाईस्कूल होने के चलते क्षेत्र के नगवां नवापुरा, पक्का इनार, सदिका पुर से करीब दर्जनों की संख्या में पांच साल से लेकर बीस साल के बच्चे रोजाना विद्यायल आते जाते हैं।रेलवे लाईन पर डगरा या अंडर पास न होने के चलते अनहोनी की आशंका बनी रहती है।वहीं गांव के बाहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और मातृशिशु केंद्र होने के चलते गांव की महिलाएँ,बड़े बुजुर्गों का आना जाना भी लगा रहता है।
गांव के लोग रेलवे से करीब दो दशक से रेलवे डगरा बनाने की मांग करते रहे रेलवे ने उन्हें रेल लाईन के दोहरीकरण होने के समय डगरा मौखिक बनाने का वादा किया था।रेल लाईन का दोहरीकरण हो जाने के बाद अधिकारियों ने डगरा बनाने से साफ इंकार कर दिया। जिससे ग्रामीणों की भावनाएं आहत हुईं।ग्रामीणों को हाट बाजार जिला, मुख्यालय विकास खण्ड,अस्पताल आने जाने में असुविधा झेलनी पड़ती है।
ग्रामीणों क्षेत्रों में किसानी के अलावा और कोई रोजगार है नही जिससे कि ग्रामीण अधिकभार सहन कर सके।यह गांव गाजीपुर भरौली मार्ग से सटे होने के चलते ज्यादातर लोगों का निकास इसी मार्ग पर है।इस मार्ग पर आने के लिए लोगों को एक किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए चार किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है।
गांव की गलियां सकरा होने के चलते गांव में कोई वाहन चालक जाने को तैयार नही होते।अगर कोई वाहन चालक जाने के लिए तैयार भी होता है तो वह मनमाना किराया चार्ज करता है।ऐसे हालात में गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्तियों को आर्थिक अधिकभार झेलने पड़ते हैं।
ग्रामीणों ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान इस समस्या के तरफ आकर्षित करने के साथ ही बच्चे,महिलाओं, सीनियर सिटीजन लोगों के आवागमन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे लाईन पर अंडर पास बनाने की मांग की है।