बीजेपी के घटते जनाधार के चलते मिला नीरज शेखर को टिकट

रिपोर्ट -- प्रेम शंकर पाण्डेय
बलिया(उप्र)।पिछ्ले लोकसभा चुनाव के पहले हुए विधान सभा चुनाव मे भाजपा को काफी निराशा हाथ लगी थी। केवल बलिया सीट ही जीत सकी थी। इससे भाजपा नेतृत्व काफी चिंतित दिख रही थी। यही कारण है कि बलिया मे ऐतिहासिक रूप से विकास कार्यों को कराने वाले दिग्गज सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र राजयसभा सदस्य नीरज शेखर को दिया है। नीरज शेखर यहां से पूर्व मे भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद रह चुके है। बीजेपी के आँखों के सामने बलिया मे विकास कार्यों को कराने के बाद भी पिछले विधानसभा चुनाव मे 4-1 से मिली हार हमेशा घूमती रही है। यही नहीं पिछले लोकसभा चुनाव से विधानसभा चुनाव आते आते 69357 मतों की कमी भी सालती रही है। इसी को पूरा करने के लिये नीरज शेखर पर दांव खेली है। वही नीरजशेखर के सामने भी पिछले लोकसभा चुनाव मे मिले मतों के आंकड़े को पार करने की बड़ी चुनौती है। अब देखना है नीरज शेखर कैसे पार पाते है।आंकड़े तो यही कहते है कि लड़ाई कांटे की है।
वैसे बलिया लोकसभा 72 का अंक गणित मुख़्तार अंसारी की जेल मे मौत के बाद गड़बड़ा गया है। यह इस कारण है कि बलिया लोकसभा की दो विधानसभा जहुराबाद व मुहम्मदाबाद मे मुख़्तार अंसारी के परिवार का जबरदस्त दबदबा बताया जाता है। यही नहीं पिछले साल हुए विधानसभा सभा चुनाव मे 5 मे से 4 सीट सपा गठबंधन ने जीती थीं, भाजपा को मात्र एक सीट बलिया नगर पर विजय मिली थीं, जहां से परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह चुनाव लड़े थे। इस चुनाव मे समाजवादी गठबंधन से मन्नू अंसारी ने मोहम्मदाबाद से, ओमप्रकाश राजभर ने जहुराबाद से, संग्राम सिंह यादव ने फेफना से और जय प्रकाश अंचल ने बैरिया से जीत हासिल की है। बीजेपी गठबंधन का खाता मात्र बलिया नगर विधानसभा सीट पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने जीत हासिल कर खुलवाया है। पिछले विधानसभा चुनावों मे प्राप्त मतों पर निगाह डाले तो समाजवादी गठबंधन को 467694 मत और बीजेपी गठबंधन यानी एनडीए को 397237 मत और बसपा को लगभग 1 लाख 22 हजार मत मिले थे। यानी सपा गठबंधन ने बीजेपी गठबंधन से 69357 मत अधिक हासिल किया है।