5 अहम कारण जिसके चलते इंडिया गठबंधन की हो गई बल्ले बल्ले

रिपोर्ट - प्रेम शंकर पाण्डेय✍️
लोकसभा चुनाव 2024 के रुझान सामने आने के बाद बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आती हुई तो जरुर दिख रही है, लेकिन वोट शेयर में भी अच्छा खासा नुकसान होता दिखाई दे रहा है।
लोकसभा चुनाव 2024 के रुझान सामने आने के बाद बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आती हुई तो जरुर दिख रही है, लेकिन वोट शेयर में भी अच्छा खासा नुकसान होता दिखाई दे रहा है। इंडिया गठबंधन रुझानों में 230 सीटों पर आगे हैं। ऐसे में साफ दिख रहा है कि बीजेपी का 400 पार का नारा पूरा नहीं होगा। ममता बनर्जी द्वारा दूरी बनाए जाने के बाद और नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने के बाद से ही INDIA ब्लॉक को काफी कमजोर समझा जा रहा था। लेकिन उसका प्रदर्शन उम्मीदों से ज्यादा उम्दा लग रहा है। ऐसा लग रहा है कि मोदी सरकार के प्रति लोगों में जो भी असंतोष रहा, विपक्षी गठबंधन उसे भुनाने में सफल रहा।
2019 के विपरीत विपक्ष इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को भुनाने में भी कुछ हद तक कामयाब लग रहा है और ये भी लगता है कि राम मंदिर उद्घाटन समारोह को लेकर विपक्षी नेताओं का स्टैंड राजनीतिक तौर पर सही था। ऐसा लगता है कि विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले अगर प्रधानमंत्री पद का कोई चेहरा पेश कर दिया गया होता, तो नतीजे काफी अलग भी हो सकते थे। वैसे विपक्ष की तरफ से कहा गया है कि चुनाव नतीजे INDIA के पक्ष में आये तो 48 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
1. पॉलिटिकल कीवर्ड का लोगों को पसंद ना आना
चुनाव कैंपेन के दौरान दोनों पार्टी की तरफ से नैरेटिव सेट करने की कोशिश की गई थी, लेकिन ऐसा लगता है विपक्ष आरक्षण खत्म करने और संविधान बदलने की बात को मुद्दा बनाने में काफी सफल रहा। इतना ही नहीं हर तरह के तरीके अपनाने के बावजूद बीजेपी पीछे रह गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के नैरेटिव को अपनी स्टाइल में न्यूट्रलाइज करने की कोशिश की, लेकिन लगता है लोगों को ‘ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले’, ‘घुसपैठिये’ ‘मंगलसूत्र’ जैसे पॉलिटिकल कीवर्ड लोगों को पसंद नहीं आये।
2. युवा चाहते है बदलाव
एग्जिट पोल में युवाओं का भी खासतौर पर जिक्र आया था। ये पाया गया था कि बीजेपी के ज्यादातर वोटर 35 साल से ज्यादा उम्र वाले हैं, लेकिन युवाओं का दो वर्ग 18-25 और 25-35 उम्र वर्ग के वोटर बदलाव और जल्द रिजल्ट चाहते हैं और उनका वोट लगता है INDIA ब्लॉक को ही मिला है।
3. क्षेत्रीय दलों में सबसे ज्यादा असर
चुनावों से पहले हुए एक सर्वे में बताया गया था कि बीजेपी को क्षेत्रीय दलों से कड़ी चुनौती मिल सकती है और देश भर में ऐसी 200 से ज्यादा सीटें बताई गई थीं। क्षेत्रीय दलों में भी सबसे ज्यादा असरदार यूपी में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, तमिलनाडु में डीएमके और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस नजर आ रहे हैं। इसके अलावा बिहार में तेजस्वी यादव की आरजेडी का प्रदर्शन वैसा नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना मजबूत नजर आ रही है।
4. कांग्रेस के प्रदर्शन में दिखा सुधार
शायद इस बार कांग्रेस की न्याय स्कीम चल गई। न्याय योजना तो राहुल गांधी ने 2019 में भी लाये थे, लेकिन समझा नहीं पाये – इस बार उसमें कुछ एड-ऑन फीचर जोड़ दिये गये, और वे काम कर गये। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस की तरफ से ‘5 न्याय, 25 गारंटी’ का वादा किया था, और तभी से पूरे चुनाव कैंपेन में कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर जोर दिया – जिसमें युवा न्याय के तहत ‘पहली नौकरी पक्की’ और महिला न्याय के तहत ‘महिलाओं के खाते में एक लाख रुपये’ का वादा भी असरदार साबित हुआ है।
5. मुस्लिम वोटर INDIA ब्लॉक के साथ
एग्जिट पोल के नतीजे और रुझानों में काफी अलग ही नतीजे देखने को मिल रहें हैं, लेकिन मुस्लिम वोटों को लेकर सर्वे सही लग रहा है। ये तो साफ-साफ लग रहा है कि INDIA ब्लॉक को सबसे ज्यादा वोट मुस्लिम समुदाय से मिला है।