विपक्ष के भारी विरोध के बीच पारित हुआ किसानों से जुड़ा बिल,सांसद हरसिमरत कौर ने बिल को किसान विरोधी बताकर दिया इस्तीफा

रिपोर्ट- प्रेम शंकर पाण्डेय ✍️
नई दिल्ली:देश में हमेशा से किसानों से जुड़ी समस्या एक अहम मुद्दा रहा है, अब कृषि से संबंधित अध्यादेश को संसद में पेश करने के बाद विधेयक लाने वाली केंद्र की मोदी सरकार को विपक्ष के साथ-साथ अपने मंत्रियों से भी झटका लगा है। इस विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए, केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार रात मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। वहीं लोकसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य, संवर्द्धन और सुविधा विधेयक-2020; कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण, कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 साढ़े पांच घंटे की चर्चा के बाद पारित हो गया। वहीं इससे संबंधित आवश्यक संशोधन बिल मंगलवार को ही पास हो चुका है। चर्चा के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक का विरोध किया। उनका कहना है कि यह काननू एमएसपी प्रणाली द्वारा किसानों को प्रदान किए गए सुरक्षा कवच को कमजोर करेगा। बड़ी कंपनियों को किसानों के शोषण का मौका देगा। वहीं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है उन्होंने कहा कि किसानों से जुड़े तीनों विधेयक क्रांतिकारी साबित होंगे। इससे किसानों को उपज के लिए लाभकारी मूल्य दिलाना तय होगा। इस विधेयक से राज्य के कानूनों का अधिग्रहण नहीं होता। जानें क्या है ये बिल इस किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 में किसान और व्यापारी विभिन्न राज्य कृषि उपज विपणन विधानों के तहत अधिसूचित बाजारों के भौतिक परिसरों या सम-बाजारों से बाहर पारदर्शी और बाधारहित प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक व्यापार चैनलों के माध्यम से किसानों की उपज की खरीद और बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 में कृषि समझौतों पर राष्ट्रीय ढांचे के लिए प्रावधान है, जो किसानों को कृषि व्यापार फर्मों, प्रोसेसरों, थोक विक्रेताओं, निर्यातकों या बड़े खुदरा विक्रेताओं के साथ कृषि सेवाओं और एक उचित तथा पारदर्शी तरीके से आपसी सहमति वाला लाभदायक मूल्य ढांचा उपलब्ध कराता है। कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक उपज कहीं भी बेच सकेंगे। बेहतर दाम मिलेंगे। ऑनलाइन बिक्री होगी। मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान समझौता किसानों की आय बढ़ेगी। बिचौलिए खत्म होंगे। आपूर्ति चेन तैयार होगा। आवश्यक वस्तु अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू-प्याज अनिवार्य वस्तु नहीं रहेगी। इनका भंडारण होगा। कृषि में विदेशी निवेश आकर्षित होगा।