रतनपुरा (मऊ):झोला छाप डॉक्टर के उपचार से मासूम की मौत,आरोपी डॉक्टर हिरासत में,पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज

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रिपोर्ट- वरिष्ठ संवाददाता फतेहबहादुर गुप्ता✍️

रतनपुरा(मऊ) । जिले के हलधरपुर थाना क्षेत्र के तरवाडीह चट्टी पर अवस्थित एक झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगाते ही एक 4 वर्षीय मासूम की हालत बिगड़ गई । यह प्रकरण शुक्रवार की रात्रि 2:00 बजे के लगभग की है।उसे जिला मुख्यालय ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई । बच्चे का शव चौराहे पर रख कर लोगों ने चक्का जाम कर दिया। इस बीच डॉक्टर ने अपने को डिस्पेंसरी में अन्दर से बंद कर लिया । तथा अपने गांव के एक दर्जन लठैतो को सूचना देकर के अपने क्लीनिक पर बुला लिया । इन लोगों ने मृतक के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार किया तो बात पूरी तरह से बिगड़ गई।सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया ।तथा डॉक्टर को भी हिरासत में लेकर बच्चे की मां की तहरीर पर डॉक्टर के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया । यह घटना शनिवार के प्रातः की है । हलधरपुर थाना क्षेत्र की विलौंझा ग्राम पंचायत निवासी किशन सिंह उर्फ छोटू सिंह 3 वर्ष पुत्र स्वर्गीय गिरजा शंकर सिंह उर्फ सिंपू सिंह को अचानक रात्रि लगभग 2 बजे पेट में तेज दर्द होने लगा । बच्चे की मां रंजना सिंह और परिजन बच्चे को लेकर तरवाडीह चट्टी स्थित पप्पू सेवा सदन ले गए ।जहां डॉक्टर उदय चंद्र चौहान उर्फ पप्पू चौहान ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया । परंतु इंजेक्शन लगते हैं बच्चे की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई, और वह तड़पने लगा । बच्चे की बिगड़ती स्थिति को देखकर परिजन परेशान हो गए ,और तुरंत एक चार पहिया वाहन से बच्चे को लेकर जिला मुख्यालय के लिए रवाना हो गए। परंतु जैसे ही बलिया मोड़ पर पहुंचे बच्चे की सांसे थम गई । बच्चे को परिजन फातिमा अस्पताल ले गए ,जहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत बताकर उन्हें वापस कर दिया । इसके बाद भी परिजनों को संतोष नहीं हुआ तो वह बच्चे को लेकर बलिया जनपद के बाहरपुर मिशन अस्पताल पर गए ,वहां भी चिकित्सक ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया । परिजन बच्चे की मौत से काफी परेशान हाल थे, यह लोग बच्चे के शव को लेकर तरवाडीह चट्टी पर आये और वहां हंगामा होने लगा ।यह खबर जंगल की आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई ,और बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्र हो गए । इस बीच डॉक्टर ने लोगों की भीड़ और आक्रोश को देखते हुए अपने को अपने डिस्पेंसरी में अंदर से बंद कर लिया और लोग बच्चे के शव को चौराहे पर रखकर चक्का जाम कर दिए। चक्का जाम लगभग डेढ़ घंटे तक चला । इसी बीच किसी ने इस घटनाक्रम की सूचना स्थानीय पुलिस को दी ।मौके पर हलधरपुर बेलौली तथा मधुबन की पुलिस पहुंच गई। सूचना पाकर क्षेत्राधिकारी मधुबन राजकुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने परिजनों को समझा-बुझाकर चक्का जाम समाप्त कराया ।और डिस्पेंसरी में बंद डॉक्टर को बाहर निकाल कर अपने हिरासत में ले लिया । पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है ।जबकि डॉक्टर के विरुद्ध बच्चे की मां रंजना सिंह की तहरीर पर धारा 419 /420/ 467/ 468/ 352/ 504 एवं 304 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है । झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक बच्चे की जिंदगी मौत के आगोश में चली गई। जिसके चलते क्षेत्र में यह घटना काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं झोलाछाप डॉक्टरों की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की उदासीनता को लेकर लोगों में काफी आक्रोश भी दिख रहा है । ------------------------------------------------- झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने मृतक परिवार आर्थिक सांसत में रतनपुरा (मऊ) । झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन से मृत बालक किशन सिंह उर्फ छोटू सिंह 3 वर्ष के पैदा होने के कुछ दिन बाद ही उसके पिता सिंपू सिंह की मौत हो गई थी । किशन सिंह उर्फ छोटू सिंह दो भाइयों में सबसे छोटा था । इसका बड़ा भाई प्रांजल सिंह इस समय 6 वर्ष का है । पिता की मौत के बाद मां रंजना सिंह ही बच्चों की देखरेख कर रही थी । उनकी रोजी-रोटी सास की पेंशन पर ही चल रही थी ।परंतु विधाता को तो कुछ और ही मंजूर था । जहां 3 वर्ष पूर्व हुए पति के मौत के सदमे से रंजना सिंह अभी उबर भी नहीं पाई थी, कि बच्चे को भी गवा कर वो काफी सदमे में है,और बदहवास है । मां के आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं ।मां बार-बार यही कह कर रो रही है कि आखिर विधाता उन्हें कितना कष्ट देगा। सिंदूर धूल जाने के बाद दो बच्चों का ही तो सहारा था । किसी तरह उनका पालन पोषण कर रही थी। परंतु विधाता ने उसमें से भी एक बच्चे को छीन लिया । इस घटना से मां काफी मर्माहत हैं उनके आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और पूरे गांव में शोक का माहौल है । ------------------------------------------------- स्वास्थ्य विभाग पर उठने लगी हैं उंगलियां रतनपुरा (मऊ) । झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों की उदासीनता अब चर्चाएं खास हो गई है । डॉक्टर उदय चंद चौहान उर्फ पप्पू चौहान पुत्र विजय शंकर चौहान बलिया जनपद के भीमपुरा थाना अंतर्गत बभनौली गांव के निवासी हैं ,और विगत लगभग 20 वर्षों से तरवाड़ीह चट्टी पर पप्पू सेवा सदन एवं मेडिसिन सेंटर के नाम से अपनी दुकान चला रहे हैं । अपने को बाल रोग विशेषज्ञ बताने वाला यह चिकित्सक आज पुलिस की गिरफ्त में है। परंतु जिस मां की कोख उजड़ गई ,उसके भविष्य के सारे सपने समाप्त हो गए, आखिर उसके भविष्य का क्या होगा । यह प्रश्न चर्चा का विषय बना हुआ है । झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता को लेकर लोगों में आक्रोश काफी चरम पर है । उक्त झोला छाप डॉक्टर पहले किराए के मकान में डिस्पेंसरी चलाता था, परंतु विगत कुछ अपनी निजी जमीन में डिस्पेंसरी का निर्माण कर लिया था, और उसी में प्रेक्टिस करता था ।