सिधागरघाट_सलामतपुर मार्ग जलाशयों, जानलेवा गड्ढों में तब्दील*

सिधागरघाट_सलामतपुर मार्ग जलाशयों, जानलेवा गड्ढों में तब्दील*
सिधागरघाट_सलामतपुर मार्ग जलाशयों, जानलेवा गड्ढों में तब्दील*

रिपोर्ट_ प्रेम शंकर पाण्डेय

कासिमाबाद (गाजीपुर)। तहसील क्षेत्र अंतर्गत सिधागरघाट_ सलामतपुर मार्ग जिसकी लंबाई 10.50किमी. हैं वर्षों से अपने जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों के सौतेले व्यवहार के कारण अपने बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हैं। सामान्य रूप से देखा जाए तो सड़के मानव जीवन की दशा दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सड़के अपने जगह पर स्थायित्व रहकर भी राहगीरों को मंजिल तक सुगमता से पहुंचाने में अपनी महती भूमिका निभाने का कार्य करती हैं ।  सुगम सड़कों से ही आवाजाही के कारण विकास सम्बन्धी कार्य सम्पन्न होते हैं। लेकिन इसके उल्ट बढ़ईपुर गांव से सिधागरघाट तक 1.50किमी. सड़क भारी जलजमाव के कारण पूरी सड़क जलाशयों, झील में तब्दील हो गई हैं । इससे जमे हुए पानी से गड्ढों में बदल चुकी सड़क व उखड़ी गिट्टियों के चलते आए दिन साइकिल साथ ही बाइक सवार गिरकर जख्मी होने के साथ कीचड़युक्त पानी से सराबोर हो जा रहें हैं। दोनों तरफ पानी निकासी की कोई व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई हैं। अभी शुरुआत के बारिश से सड़क पर करीब घुटने भर पानी जमा हो जाना सामान्य सी बात है। इस कारण सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल साबित हो रहा है। ज्ञातव्य हो कि 16_17 साल बाद सन् 2018_19में उप्र. सरकार द्वारा प्रदेश की सड़कों को गढ्ढा मुक्त किया जा रहा तब इस मार्ग के लिए सरकार द्वारा 73_74 लाख का बजट पास हुआ । लेकिन दुर्भाग्यवश यह बजट महज 9 किमी. सड़क को गढ्ढा मुक्त करने के लिए स्वीकृत हुए जिसके कारण सलामतपुर से बढ़ईपुर 9 किमी. सड़क ही गढ्ढा मुक्त होकर आवागमन के लिए सुगम हो सकी । शेष बची सड़क विभागीय अधिकारियों की घोर लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते पूर्व की तरह ही वर्तमान में अपने बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हैं  लेकिन कोई सुधि लेने वाला भी नहीं । क्षेत्रीय ग्रामीण जनों का रोना यह हैं कि यहां का विधायक ओमप्रकाश राजभर प्रदेश सरकार में मंत्री रहा वही दूसरी तरफ जब प्रदेश से लेकर  केंद्र सरकार तक एक ही पार्टी की सरकार है और सांसद वीरेंद्र मस्त भी इसी क्षेत्र जहूराबाद से जनप्रतिनिधि निर्वाचित सदस्य हैं लेकिन वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो रहीं हैं। यह सड़क बलिया रसड़ा, गाजीपुर, मऊ को सीधे जोड़ने का कार्य करती हैं और अति व्यस्त मार्ग हैं । सबसे अधिक परेशानी का सबब स्कूल के दिनों में छात्र_ छात्राओं को होता हैं जब सिधागरघाट की ओर से दर्जनों गांवों के विद्यार्थी गांव  पाली, सुरवत,देवली के कॉलेज, डिग्री कॉलेज में पढ़ने आते हैं और इस सड़क के किनारे बसे दर्जनों गांवों के छात्र बलिया जनपद के सिलहटा, रसड़ा के स्कूल, कॉलेज में जब अध्ययन के लिए जाते हैं। इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय विधायक, सांसद से भी संपर्क साधा गया जो इस क्षेत्र में सालों साल दिखते नहीं बावजूद उनके कान पर जूं तक रेंगने का नाम नहीं लिया और इस सम्बन्ध में दिया गया आश्वासन झूठा ही साबित हुआ। स्थानीय लोगों ने पानी  निकासी की समुचित व्यवस्था कराने सहित सड़क की मरम्मत कराने की जिला प्रशासन से मांग की है।