"नयी शिक्षा नीति में नैक की भूमिका" विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी समपन्न

रिपोर्ट - प्रेम शंकर पाण्डेय
गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकी से अपडेट रहना आवश्यक - डॉ मुराद अली
कासिमाबाद (गाज़ीपुर) । क्षेत्र अंतर्गत गोपीनाथ पीजी कालेज देवली, सलामतपुर के तत्वावधान में "नयी शिक्षा नीति में नैक की भूमिका" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आईबीएम विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर मानस पांडेय, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल युनिवर्सिटी माइक्रोबायलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष राम नरायन, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय बीबीए विभाग के विभागाध्यक्ष मुराद अली, पीजी कालेज गाज़ीपुर के शारीरिक शिक्षा विभाग के डा चन्द्रभान सिंह के कुशल नेतृत्व में हुआ, जिसमें कालेज संरक्षक राकेश तिवारी का महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
विशेषज्ञ वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय आईबीएम विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर मानस पांडेय ने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल शिक्षकों के व्यक्तिगत और पेशेवर विकास में सहायक होते हैं, बल्कि संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन लाकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
साथ ही साथ उन्होंने नैक ग्रेडिंग प्रक्रिया, शिक्षकों की प्रोफाइल सशक्तिकरण, शोध पत्र लेखन एवं उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने स्कोपस, रिसर्च गेट, वेब ऑफ साइंस, गूगल स्कॉलर एवं गूगल इंडेक्सिंग जैसी शोध-पत्र प्रकाशन प्रणालियों की महत्ता को रेखांकित किया।
प्रो राम नरायन ने नैक मूल्यांकन के विभिन्न मानकों, नई शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन एवं रिसर्च इनोवेशन पर अपने विचार साझा किए। डॉ. मुराद अली ने बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकों से अपडेट रहना आवश्यक है। उन्होंने नैक मूल्यांकन के पक्षों को व्यावहारिक रूप से समझने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ ऋषिकेश तिवारी ने किया।
इस अवसर पर कालेज के सभी प्राध्यापकगण व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।