ग्रामीण विकास संस्थान हथिनी द्वारा संचालित सामर्थ्य कौशल विकास केंद्र का भव्य उद्घाटन

ग्रामीण विकास संस्थान हथिनी द्वारा संचालित सामर्थ्य कौशल विकास केंद्र का भव्य उद्घाटन

रिपोर्ट -- प्रेम शंकर पाण्डेय 

किशोरी सशक्तिकरण नेतृत्व कौशल संस्थान का चरम लक्ष्य - शमीम अब्बासी 

जनसंख्या विकास में बाधक नहीं, बल्कि चीन की तरह तकनीकी कौशल विकास हो -- सौरभ पाण्डेय 

कासिमाबाद (गाज़ीपुर)। उप्र के विभिन्न जनपदों में विगत 35 वर्षों से महिलाओं किशोरियों बच्चों के विकास व विभिन्न मुद्दों को लेकर कार्य कर रही ग्रामीण विकास संस्थान हथिनी द्वारा किशोरियों को स्किल डेवलपमेंट कम्प्यूटर प्रशिक्षण अंग्रेजी स्पोकन कोर्स की आधुनिक तकनीकि शिक्षा के लिए नगर पंचायत स्थित गांधी मेमोरियल इंटर कालेज बाइपास रोड स्थित सामर्थ्य कौशल विकास केंद्र का भव्य उद्घाटन ग्रामीण महिला पुरूषों एवं छात्राओं की उपस्थिति में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि नसीम खान प्राचार्या ब्लूमिंग बर्डस स्कूल बहादुरगंज ने किया। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में गांधी मेमोरियल इंटर कालेज के प्राचार्य सौरभ पाण्डेय जी रहे ‌।

विशिष्ट अतिथि सौरभ पाण्डेय (प्राचार्य गांधी इ कालेज बहादुरगंज) संबोधित करते हुए 

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत जनसंख्या के मामले जमीन के हिसाब से सबसे घनी आबादी वाला देश है यह बड़ी समस्या नहीं बल्कि चीन की तरह हर हाथों में कौशल विकास की तकनीक मिल जाएं तो हम विकास में पिछड़े नहीं रहेंगे लेकिन यहां नही हो पाया है।इस दिशा में उक्त केंद्र की पहल सराहनीय है। संस्थान के निदेशक शमीम अब्बासी ने बताया कि किशोरी सशक्तिकरण के लिए संस्थान विभिन्न क्षेत्रों में लड़कियों को नेतृत्व कौशल के हुनर असली जामा पहनाया है जिसके कार्य माडल को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन पूरे भारत में लागू करवा रहा है जो हम सभी के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

ग्रामीण

ग्रामीण विकास संस्थान के निदेशक शमीम अब्बासी संबोधित करते हुए 

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सामर्थ्य कौशल विकास केंद्र की स्थापना किशोरियों को नवीन तकनीकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दूरगामी सोच का प्रतिफल है। उन्होंने उक्त केंद्र में किशोरियों के प्रवेश के लिए सभी से अपेक्षित सहयोग भी मांगा।

कार्यक्रम में सौहार्द फेलो से जुड़े अनिल चौधरी, बृजेश यादव ने "मुझ पर भी तेरे दुःख दर्द का हो असर ऐसा,तू रहें भूखा ,तो मुझसे भी खाया न जाए" व "बेटी हू मैं बेटी,तारा बनूंगी,तारा बनूंगी सहारा बनूंगी " जैसे अपने कर्ण प्रिय गीत संगीत से समा बांधें रखा। संस्थान के संस्थापक सदस्य समाजसेवी पूर्व प्रधान वसीम अब्बासी अतिथियों के अगवानी व्यवस्था में तन्मयता शुरू से अंत तक व्यस्त दिखें।

इस अवसर पर अर्शी, फरहीन, जवाहिर राम,आमिर सिद्दीकी, साकिर अब्बासी, प्रदुम्न पाठक, फैजान,जफर अकील,डा संतोष त्रिपाठी,अफरोज खां,परवेज खान,मनोज राम,संतोष कुमार, पप्पू तिवारी , एडवोकेट मनोज राम,अमित राय, प्रेम शंकर पाण्डेय,संजय राय, सूबेदार, रविकांत चंचल,अजय सिंह,संजय राय,फखरे आलम,अशोक कुमार,मुकेश सिंह, अंकिता मिश्रा,बंदना सिंह,सरोज पाण्डेय, सुमन बौद्ध,अंजली,सुधीर, पूनम,स्नेहा गुप्ता,आरती,पूजा,कविता भारती,बंदना भारती आदि सैकड़ों लोगों की उपस्थिति रही।

अध्यक्षता वीरवंत सिंह ने जबकि सफल संचालन मनोज तिवारी ने किया।