मरने से पहले चिल्लाया भागो भागों.. बच गई कई लोगों की जान

मरने से पहले चिल्लाया भागो भागों.. बच गई कई लोगों की जान

रिपोर्ट --
रजनीकांत पांडेय 

मऊ(उप्र)  गाजीपुर जिले में महाहर धाम के पास बस में आग लगने से ड्राइवर समेत पांच लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोगों की जान बच गई। इसकी वजह रहा ड्राइवर, जो सबसे पहले करंट की चपेट में आया था। उसने करंट की जद में आते ही लोगों को भागने का संकेत दे दिया था ‌
गाजीपुर जिले के मरदह थाना क्षेत्र के महाहर मंदिर के पास हाईटेंशन तार की जद में आने से मऊ जिले के दो गांवों के एक पुरूष और चार महिलाओं की मौत हो गई। इसमें दो शवों का अंतिम संस्कार परिजनों ने सोमवार की रात ही पोस्टमार्टम के बाद गाजीपुर में कर दिया, वहीं तीन शव पोस्टमार्टम के बाद खिरिया गांव पहुंचे, जहां रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार परिजनों ने किया। हादसे में मृत चारों महिलाएं खिरिया गांव की थीं, जो कि नंदू की पड़ोसी थीं। वह अन्य लोगों के साथ नंदू की बेटी खुशबू की शादी में शामिल होने के लिए बस में सवार थी।


जब घटना के  दूसरे दिन पत्रकारों की टीम खिरिया गांव पहुंची तब यहां टीम को मुहम्मदाबाद गोहना एसडीएम हेमंत कनौजिया और नायब तहसीलदार द्वारा पांचों मृतकों के साथ घायलों का सत्यापन करते दिखे, जिससे जल्द से जल्द यह रिपोर्ट गाजीपुर प्रशासन को भेजकर मुआवजा की राशि भेजने की प्रक्रिया पूरी की जा सकें। 
 


इस दौरान बस हादसे में मृत कालिंदी के घर पहुंचकर  जब मीडिया के लोगों ने हादसे के समय मृतका कालिंदी के साथ सुरक्षित बची उसकी छोटी बेटी खुशी से बातचीत की। खुशी ने बातचीत करते हुए बताया कि हादसे के समय बस मंदिर की तरफ मुड़ रही थी, लेकिन मेला होने के चलते मौजूद पुलिसकर्मियों ने बस को उस तरफ से आने के लिए रोक दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में बस से लोग उतर गए, जबकि बस में वह और उसकी मां कालिंदी सहित 15 के करीब लोग बैठे थे। जिसके बाद बस चालक जगरनाथ किसी के कहने पर बस को मंदिर के करीब पहुंचाने के लिए दूसरे रास्ते से ले जाने लगा।


बस ड्राइवर ने भागो भागो की दी थी आवाज


इस बीच हाइटेंशन तार के जद में आने से सबसे पहले बस चला रहा जगरनाथ जद में आया। जहां उसने करेंट से तड़पते हुए सवार लोगों को बस से जल्द उतरने के लिए भागो भागो की आवाज दी। आवाज सुनते ही चालक के बगल वाली सीट पर बैठी खुशी की मां ने उसे भागने के लिए कहते हुए आगे के दरवाजे से निकलने की कोशिश की, लेकिन वह निकल नहीं सकी। वहीं खुशी खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई।

 
मां की बनारसी साड़ी से पहचाना....


हादसे में मृत कालिंदी की बड़ी बेटी ज्योती जो घटना के समय अपने चाचा गांधी के साथ स्कूटी से बस के पीछे- पीछे जा रही थी। उसने बताया कि हादसे के बाद वह अपनी मां-बहन को खोज रही थी। छोटी बहन को सुरक्षित पाकर वह खुश थी, लेकिन एक शव को देखकर वह खुद का संयम खो बैठी। क्योंकि वह उसकी मां थी, जिसकी पहचान उसने उसकी हरी बनारसी साड़ी से की, जिसे उसने बड़े अरमान से पहनाकर इस शादी में शामिल होने के लिए भेजा था