जानिए यूपी के किस जिले में है भाई-बहन का अनोखा मंदिर

जानिए यूपी के किस जिले में है भाई-बहन का अनोखा मंदिर

रिपोर्ट -- विशाल भटनागर/ दीपक रंजन 

रक्षाबंधन पर आशीर्वाद लेने उमड़ते हैं लोग

यूं तो आपको देश भर में कई ऐसे मंदिर देखने को मिलेंगे, जिनके बारे में अनोखी मान्यताएं जुड़ी हुई है. लेकिन, उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के हल्दौर में भाई-बहन का अनोखा मंदिर है. लोगों में इस मंदिर के प्रति विशेष आस्था है. रक्षाबंधन के अवसर पर विशेष मेले के साथ भंडारे का आयोजन होता है. यहां सतयुग से ही मूर्तियां स्थापित है. दूर-दूर से भक्त पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. नवविवाहित भी आर्शिवाद लेने पहुंचते हैं.

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भारतीय सनातन संस्कृति की बात की जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी आपको कई ऐसे ऐतिहासिक मंदिर देखने को मिलेंगे, जिनके प्रति लोगों की विशेष आस्था रहती है. कुछ इसी तरह का नजारा बिजनौर के हल्दौर इलाके में भी हर साल देखने को मिलती है. यहां रक्षाबंधन के पावन पर्व के दिन लोग मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना करते करते हें. मान्यता है कि यह मंदिर भाई-बहन के अटूट रिश्ते विश्वास का अटूट प्रतीक है.

हल्दौर से जब एक भाई अपनी बहन को लेकर जा रहा था, तो रास्ते में डाकुओं ने उन्हें घेर लिया था. जब डाकू की बुरी नजर बहन पर पड़ी. तब भाई ने देवी-देवताओं का स्मरण करते हुए खुद को पत्थर में तब्दील करने की प्रार्थना की. ग्रामीण राज बताते हैं कि भगवान ने उनकी प्रार्थना सुन ली और दोनों ही पत्थर में तब्दील हो गए. तब से यहां दोनों बहन-भाई की पत्थर की मूर्ति के रूप में पूजा होती है.

 मंदिर के प्रति भक्तों की आस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस मंदिर में हर साल रक्षाबंधन के दिन विशाल मेले का साथ भंडारे का आयोजन होता है. लोग यहां विभिन्न देवी-देवताओं के दर्शन करने के साथ-साथ इन दोनों बहन-भाई की मूर्ति के समक्ष भी माथा टेकते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

मंदिर में विराजमान मूर्तियों के बारे में यह भी कहा जाता है कि इन मूर्तियों का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. यहां मूर्तियां सतयुग से ही विराजमान है. ऐसे में मंदिर में दर्शन करने के लिए बिजनौर ही नहीं बल्कि आस-पास के जिलों के लोग भी आते हैं. यह मंदिर जंगल के बीच बना हुआ है.