एकादशी व्रत आज ही करें - आचार्य बाल ब्यास सुमित पाण्डेय
रिपोर्ट- प्रेम शंकर पाण्डेय
शास्त्रसम्मत समयानुसार शनिवार को ही मान्य है हरि प्रबोधिनी एकादशी व्रत
कासिमाबाद(गाजीपुर)।क्षेत्र अंतर्गत गांव पाली निवासी आचार्य बाल ब्यास सुमित पाण्डेय ने बताया कि कार्तिक शुक्ल एकादशी व्रत सभी सनातनी धर्मावलंबी भक्तों को श्रद्धा और विश्वास के साथ 1 नवम्बर (शनिवार) को ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुक्रवार की रात 4 बजे से एकादशी तिथि प्रारंभ होकर शनिवार की रात 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो जाएगी, जिसके पश्चात द्वादशी तिथि लग जाएगी।
आचार्य सुमित पाण्डेय ने बातचीत में स्पष्ट किया कि रविवार को व्रत करना शास्त्रानुसार उचित नहीं है, क्योंकि द्वादशी तिथि में वृन्दावन परिक्रमा का विशेष महत्व बताया गया है। इसलिए सभी भक्त भ्रमित न हों और एकादशी व्रत शनिवार को ही करें।
उन्होंने कहा कि सर्वमान्य काशी विश्व पंचांग, महावीर पंचांग, ऋषिकेश पंचांग आदि प्रमाणित ग्रंथों के अनुसार भी यह निर्णय शास्त्रसम्मत है। आचार्य मिश्रा के अनुसार, 1 नवम्बर शनिवार को सूर्योदय से लेकर दोपहर 3 बजकर 26 मिनट तक शुभ समय रहेगा, इसके बाद भद्रा काल आरंभ होगा। उन्होंने सभी सनातनी धर्मावलंबियों से आह्वान किया कि वे हरि प्रबोधिनी व्रत शास्त्र सम्मत विधि से शनिवार को ही करें।
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