शिवपाल सिंह यादव का बड़ा दावा बीजेपी छोड़ना चाहते हैं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य?

शिवपाल सिंह यादव का बड़ा दावा बीजेपी छोड़ना चाहते हैं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य?

रिपोर्ट - प्रेम शंकर पाण्डेय

राजनीति

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बीएसपी  के इंडिया गठबंधन में शामिल होने की अटकलों के बीच सियासी बयानबाजी और तेज होते जा रही है. अब केशव प्रसाद मौर्य और शिवपाल यादव भी आपस में भिड़ गए हैं.

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बीते कुछ दिनों से यूपी के कई सियासी दल बीएसपी पर जुबानी हमले कर रहे हैं. जबकि दूसरी ओर कांग्रेस मायावती को इंडिया गठबंधन के साथ जोड़ने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है. अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव भी आपस में इस मुद्दे पर भिड़ गए हैं. दोनों में सोशल मीडिया की जंग शुरू हो गई है. 

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते सोशल मीडिया पर लिखा, 'कांग्रेस से बुआ हाथ न मिला लें, कहीं इसलिए तो बबुआ परेशान नहीं है.' 

इसपर शिवपाल यादव ने मोर्चा संभाला और उन्होंने पलटवार करते हुए लिखा, ''सरकार' आपकी स्वयं के संगठन और सरकार में तो चल नहीं रही है, इसलिए संगठन और सरकार के दायित्व से इतर नजर बहुत पैनी रख रहे हैं. कहीं भाजपाई दंगल में बाहर कर दिए जाने की वजह से 'दल और दिल' बदलने का इरादा तो नहीं?'

अखिलेश यादव का जवाब......

दरअसल, बीते दिनों अखिलेश यादव बलिया के दौरे पर थे. तब उनसे मायावती के गठबंधन में आने से जुड़ा सवाल पूछा गया. इसपर उन्होंने कहा, 'उसके बाद का भरोसा आप दिलाएंगे. बाद का भरोसा आप में से कौन दिलाएगा.' अखिलेश यादव के इस बयान पर मायावती ने सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया देते हुए पलटवार किया था.

मायावती ने कहा था, 'अपनी व अपनी सरकार की ख़ासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख द्वारा बीएसपी पर अनर्गल तंज़ कसने से पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांककर जरूर देख लेना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने व उनसे मेलजोल के मामले में कितना दाग़दार है.'

उन्होंने कहा था, 'साथ ही, तत्कालीन सपा प्रमुख द्वारा भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले व उपरान्त आर्शीवाद दिए जाने को कौन भुला सकता है और फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भूला सकती है. ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लडे़ तो यह उचित होगा.