'हम कुछ नहीं कर सकते', सुप्रीम कोर्ट ने दहेज और घरेलू हिंसा कानून में सुधार की मांग वाली याचिका खारिज की

रिपोर्ट- प्रेम शंकर पाण्डेय
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दहेज और घरेलू हिंसा कानूनों में सुधार की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसके लिए समाज को बदलना होगा, हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। याचिका में कहा गया था कि मौजूदा दहेज और घरेलू हिंसा कानूनों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसे में इनमें सुधार किए जाने चाहिए। बीते दिनों बंगलूरू में एक इंजीनियर ने आत्महत्या कर ली थी। इंजीनियर ने अपनी पत्नी पर कानूनी तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था और इंजीनियर ने कानून में कथित खामियों का भी आरोप लगाया था। इंजीनियर की
आत्महत्या के बाद समाज में देहज और घरेलू हिंसा कानूनों के गलत इस्तेमाल को लेकर बहस छिड़ गई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कानूनों में सुधार की मांग की गई। याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की थी। याचिका में
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों, वकीलों और कानूनी विशेषज्ञों की सदस्यता वाली एक समिति बनाने की मांग की गई थी, जो मौजूदा दहेज और घरेलू हिंसा कानूनों की समीक्षा करे।