महिलाएं सशक्त होगी तभी समाज का विकास होगा - हरिंद्र कुमार

रिपोर्ट - प्रेम शंकर पाण्डेय
सौहार्द एवं बंधुता मंच ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
शिक्षा, स्वास्थ्य, अधिकार व सुरक्षा के प्रति किया जागरूक
संवैधानिक अधिकारों , कानूनों एवं मूल्यों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया
हलधरपुर(मऊ)। सौहार्द एवं बंधुता मंच एवं समावेशी साथी द्वारा अनुसूचित एवं राजभर बस्ती के मध्य संगीता देवी के दरवाजे पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बैठकर कर मातृ शक्ति का स्वागत सम्मान किया गया। सौहार्द एवं बंधुता मंच की महिला सदस्य सुनैना ने अपने संबोधन में कहा कि आज महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। हर सेक्टर में पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।लेकिन अभी पर्याप्त रूप से महिला सशक्त नहीं बन पाई है। हम सभी को शिक्षा, स्वास्थ्य, अधिकार व सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना होगा। अभिभावक बच्चियों की क्षमता पर भरोसा करें और खुले आसमान में उड़ान भरने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें बेटियां भी अपनी क्षमता को पहचाने। महेश राम ने कहा कि नारी का सम्मान ही समाज की वास्तविक प्रगति है, हर सफल महिला के पीछे उसकी मेहनत, संघर्ष और आत्मविश्वास होता है, सशक्त महिला ही सशक्त समाज का निर्माण करती है, महिलाएं किसी से कम नहीं, वे अपने बलबूते इतिहास रचने की क्षमता रखती हैं। हर क्षेत्र में महिलाएं देश का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने महिलाओं के त्याग,प्रेम और धैर्य को उनकी पहचान बताया। भाजपा सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाओं का जिक्र किया। बजट में महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। पूरे देश और दुनिया में आज महिला दिवस को सेलिब्रेट किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विश्व की महिलाओं के योगदान, उनकी त्याग और साहस को समर्पित है महिलाएं आज के समय पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। कला से लेकर खेल, बिजनेस और साइंस से लेकर टेक्नोलॉजी तक हर क्षेत्र में महिलाएं कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। अध्यक्षीय भाषण देते हुये सरिता देवी ने कहा कि महिलाओं की ताकत और सम्मान के प्रतीक के रूप में हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को 8 मार्च को पूरी दुनिया में मनाते है।
यह दिन महिलाओंके अधिकारों, लैंगिक समानता और उनके सशक्तिकरण के प्रति जागरुकता फैलाने वाले दिन का प्रतीक है। आधुनिक समाज में महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, फिर भी वे कई चुनौतियों और भेदभाव का सामना कर रही हैं। ऐसे में समाज में उनकी इसी योगदान और साहस को रेखांकित करने के लिए हर साल आज के दिन महिला दिवस के रूप मे मनाया जाता है।
समावेशी साथी हरिंद्र कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की बात करें तो यहाँ स्त्रियों की असीम संभावनाएं है और महिलाए तमाम तरह की उपलधियाँ भी हासिल कर रही है जिसमें भारतीय संविधान व कानून का विशेष योगदान है।यह यात्रा 1950 में संविधान लागू होने के समय शुरू हो गई थी।इसमें महिला पुरूषों को समान माना गया है।महिलाएं जब सशक्त होगी तभी समाज का विकास होगा।
कार्यक्रम का समापन करते हुई उर्मिला देवी ने कहा कि नारी सशक्तिकरण का मतलब महिलाओं को उनके अधिकार, अवसर और समानता देना ताकि वे स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकें और समाज में अपनी पूर्ण क्षमता से भागीदारी दिखा सकें महिलाओं का सशक्तिकरण शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, आर्थिक अवसरों और सामाजिक स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है।
इस अवसर पर सुनैना देवी बंधुता मंच की सदस्य संगीता देवी, उर्मिला, सरिता देवी, फूलमती, महेश राम सहित महिला पुरूष किशोरियां उपस्थित रही।
संचालन फूलमती ने किया।