सौहार्द एवं बंधुत्व मंच के बैनर तले आज़ादी के संघर्ष में महिलाओं की भूमिका विषयक संगोष्ठी सम्पन्न

सौहार्द एवं बंधुत्व मंच के बैनर तले आज़ादी के संघर्ष में महिलाओं की भूमिका विषयक संगोष्ठी सम्पन्न

रिपोर्ट - प्रेम शंकर पाण्डेय 

शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना जरूरी - सतीश उपाध्याय 

आजाद भारत में महिलाएं आज भी अपने अधिकारों से बंचित - शहनवाज सिद्दकी 

गाजीपुर (उप्र )। निकटवर्ती गांव सुखदेवपुर में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महिलाओं और बच्चों के साथ आज़ादी के संघर्ष में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा की गई और उन्हें बताया गया कि महिलाओं ने सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन और अन्य आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने रैलियों, प्रदर्शनों, और सत्याग्रहों में भाग लिया। 

गांधीवादी दर्शन से प्रेरित होकर, महिलाओं ने अहिंसक प्रतिरोध के तरीकों को अपनाया, जैसे कि विदेशी कपड़ों का बहिष्कार करना और दुकानों पर धरना देना। उन्हें बताया गया कि आजादी की लड़ाई में रानी लक्ष्मी बाई सरोजनी नायडू अरुणा आसिफ अली कस्तुरबा गांधी आदि महिलाओं की अहम भूमिका रही है ।इस अवसर पर बंधुता मंच के साथी सतीश उपाध्याय ने बताया कि आजादी के बाद भी आज महिलाओं को उनके अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है और इस समस्या का एक मात्र हल है शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना और उसके लिए उन्हें जागरूक किया जाए।

बंधुता मंच के साथी शहनवाज़ सिद्दीकी ने कहा कि आज देश को आज़ादी मिले हुए 79 साल हो गए लेकिन आज भी महिलाओं के साथ भेदभाव होता है इस पुरुष प्रधान देश मे महिलाओं के लिए 33% आरक्षण दिया गया है। लेकिन आज भी महिलाएं अपने अधिकारों से वंचित हैं ।

मेंटर साकिब अब्बासी ने कहा कि आज ज़रूरत है कि महिलाओं को अपने तरीके से जीने अपने तरीके से पहनने और बोलने की आज़ादी दी जाए ज्यादार जगहों पर आज भी महिलाओं को अपने अधिकार लेने के लिए संघर्ष करना पड़ता है लेकिन बहुत से उदाहरण है कि महिलाओं ने अपने अधिकार और अपने सम्मन के लिए समाज से लड़ गई आपको भी आज समय के अनुसार अपने व्यवहार में अपने सोच में बदलाव लाने की आवयश्कता है तभी आप अपने अधिकार को हासिल कर पाएंगी।

अंत मे फ़ेलो तारिक़ नसीम ने महिलाओं से चर्चा करते हुए कहा कि देश की आधी आबादी महिलाओं की है , इस ताक़त को महिलाओं को खुद पहचानना होगा आज भी देश मे जो महिलाएं शिक्षा के महत्व को समझती है वो पढ़ लिखकर अच्छे पदो पर है साथ ही सेना में भी अपना योगदान दे रही हैं आज ज़रूरत है कि महिलाएं अपने हक़ अधिकार को जाने पहचाने और देश की तरक़्क़ी में अपना योगदान दे।

उक्त गोष्ठी में समुदाय की बहुत सी महिलाओं और बच्चों ने हिस्सा लिया साथ ही बंधुता मंच के साथी सतीश उपाध्याय ,शाहनवाज़ सिद्दीकी ,मेंटर साकिब अब्बासी, मो उमर युगेश कुमार व फ़ेलो तारिक़ नसीम उपस्थित रहे।