संदिग्ध अवस्था में तीन दर्जन भेड़ें मरी, नहीं पहुंचे जिम्मेदार अधिकारी व ग्राम प्रधान, लेखपाल

संदिग्ध अवस्था में तीन दर्जन भेड़ें मरी, नहीं पहुंचे जिम्मेदार अधिकारी व ग्राम प्रधान, लेखपाल

रिपोर्ट-प्रेम शंकर पाण्डेय ✍️

पाली,गाजीपुर। कासिमाबाद थाना क्षेत्र के मुहम्मदपुर- टण्डवा निवासी श्यामा पाल पुत्र रामबृक्ष पाल की तीन दर्जन भेड़ें देखते ही देखते मौत के मुंह मे समा गईं। सोमवार के भोर में भेड़िहारे भेड़ों की चीत्कार सुनकर देखने दौड़े तो वहां भेड़ों की परिस्थिति देखकर भौचक्के रह गए, उन्हें कुछ समझ मे आता तब तक उनके आँखों के सामने ही भेड़ों के दम तोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया। फिर गांव के लोग भी सैकड़ो की संख्या में पहुचकर अपने अपने तरीके से मदद करने का प्रयास किए लेकिन भेड़ों के मरने का सिलसिला नही रुक सका, मंगलवार तक 35 भेड़ें मर चुकी थीं पांच भेड़ें अभी और मरने के कगार पर हैं। दर्जनों भेड़ों को पाल के परिवार के लोगों ने दफना भी दिया है । आर्थिक रूप से तंग हाल परिवार जो भेड़ों को पालकर अपना जीविकोपार्जन कर रहा था परिवार की महिलाओं का रो- रोकर बुरा हाल है। गांव के असलम हुसैन, बासुदेव यादव, वीरेंद्र यादव, प्रकाश राम ,रवि पाल, रामप्रवेश पाल, राजेन्द्र प्रसाद, गोलू गौड़ आदि दर्जनों लोगों ने मरी भेड़ों को दफनाने में मदद किया। सूचना पाकर पहुचें युवा नेता वीरू चौहान, जितेंद्र कुमार सत्यार्थी व अन्य सामाजिक कार्यकर्ता ने मानवता का परिचय देते हुए पीड़ित व्यक्ति के गांव पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया और शासन-प्रशासन से आर्थिक मदद कराने का विश्वास दिलाया‌।लेकिन ग्रामीणों के बीच प्रधान से लेकर कोई जिम्मेदार अधिकारी,हलका लेखपाल का मौके पर न पहुंचना चर्चा का विषय है।