विचार बिंदु : शादी समारोह में पवित्र वरमाला रस्म का बनता मजाक

विचार बिंदु ✍️ ##############################
आजकल शादियों में ये बात काफी नजर आ रही है, कि शादी के समय स्टेज पर वरमाला के वक्त वर या दूल्हा बड़ा तनकर खड़ा हो जाता है, जिससे दुल्हन को वरमाला डालने में काफी कठिनाई होती है, कभी कभी वर पक्ष के लोग दूल्हे को गोद में उठा लेते हैं, और फिर वधु पक्ष के लोग भी वधु को गोद में उठाकर जैसे तैसे वरमाला कार्यक्रम सम्पन्न करवा पाते हैं, आखिर ऐसा क्यों? क्या करना चाहते हैं हम? हम एक पवित्र संबंध जोड़ रहे हैं, या इस नये संबंध को मजाक बना रहे है, और अपनी जीवनसंगिनी को हजार-पांच सौ लोगो के बीच हम उपहास का पात्र बनाकर रह जाते हैं, कोई प्रतिस्पर्धा नही हो रही है, दंगल या अखाड़े का मैदान नही है, पवित्र मंडप है जहां देवी-देवताओं और पवित्र अग्नि का आवाहन होता है भगवान् प्रभु श्रीराम जी ने सम्मान सहित कितनी सहजता से सिर झुकाकर सीता जी से वरमाला पहने थे।
रामो विग्रहवानो धर्म: यही हमारी परंपरा है विवाह एक पवित्र बंधन है, संस्कार है जो अग्नि के सात फेरों से श्मसान की चिताग्नि तक जन्म मरण का बंधन है कृपया इसे उपहास का रंगमंच न बनने दे..????????????????
साभार-
प्रेमशंकर पाण्डेय (शिक्षक/पत्रकार)
ग्राम+पोस्ट,पाली (गाजीपुर)
(उप्र.)275201