उप्र.की उम्मीदों वाली 'दादी',केले के साथ मटर की बुआई कर रोल मॉडल बनीं 70 साल की शांति देवी

उप्र.की  उम्मीदों वाली 'दादी',केले के साथ मटर की बुआई कर रोल मॉडल बनीं 70 साल की शांति देवी

रिपोर्ट- प्रेम शंकर पाण्डेय ✍️ ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में रहने वाली 70 साल की शांति देवी को गांव वाले 'उम्मीदों वाली दादी' कहते हैं। कारण जिस उम्र में उनके साथ गांव में बहू बनकर आई गांव की अन्य महिलाएं ठीक से चल भी नहीं सकतीं, उस उम्र में शांति देवी अपने बेटों को खेती के गुण सिखा रही हैं। नतीजा शांति देवी की चर्चा उत्तर प्रदेश सरकार तक हो रही है। पति की मौत के बाद शांति देवी ने अपनी खेतीबाड़ी की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली। अब वे केले की उन्नत खेती के बीच मटर सह फसली उगाकर दोगुना आय कमा रही हैं। बीते 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह जयंती पर योगी सरकार ने शांति देवी को किसान सम्मान समारोह में पुरस्कृत किया। उन्हें 75 हजार रुपए नकद, अंगवस्त्र और प्रमाण पत्र मिला है। इस सम्मान से उत्साहित शांति देवी अब अपने पूरी जमीन पर प्रगतिशील खेती की योजना बना रही हैं।

5 साल पहले पति की हो चुकी है मौत........

विक्रमजोत विकास खंड की बभनगांवा की रहने वाली शांति देवी का परिवार किसानी पर ही निर्भर है। शांति देवी के पास 30 बीघा खेत है। उनके पति बिंद्रा सिंह ने 18 बीघा खेत मियादीन नाम के एक शख्स को किराए पर दे दी थी। इसके एवज में उन्हें साल भर में 36 हजार रुपए मिल जाता था। जबकि बिंद्रा अपने बेटे विजय कुमार सिंह और समय बहादुर सिंह के साथ मिलकर 12 बीघा जमीन खुद पारंपरिक खेती करते थे। इससे अनाज सिर्फ खाने भर का ही पैदा होता था। शांति देवी भी कभी कभार खेत जाया करती थीं। लेकिन 5 साल पहले बिंद्रा सिंह की मौत हो गई। उस वक्त लगा कि पति की मौत के सदमे से शांति देवी अब टूट जाएंगी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।शांति देवी ने बेटों के सहयोग से खुद पूरी जमीन की देखरेख शुरू की। मियादीन से खेत वापस लेकर केले की खेती शुरू कराई।

केले के दो पौधों के बीच खाली जगह देख मटर बोने का आया विचार.........

शांति देवी बताती हैं कि दो पेड़ों के बीच काफी जगह खाली देखी। मटर का सीजन था, उसकी बुआई करा दी। केले के साथ मटर भी बिकी और अच्छी आय हुई। दो लोगों को काम पर रखा। शांति देवी अब दस बीघे में केले संग मटर की खेती कर रही हैं। इससे सलाना 3 लाख रुपए की अतिरिक्त आय हो रही है। इससे घर की आर्थिक स्थिति सुधर गई। शांति देवी की चर्चा अन्य किसानों में हुई तो कृषि विभाग के अफसरों को भी प्रयोग खूब भाया। उनका विशेष पुरस्कार के लिए चयन किया।