प्रकृति प्रेमी, समाजसेवी स्वर्गीय राम अवतार सिंह की मनी तृतीय पुण्यतिथि, जरूरतमंदों में बंटा कम्बल, वस्त्र

रिपोर्ट- प्रेम शंकर पाण्डेय ✍️
कासिमाबाद(गाज़ीपुर)। मिरानपुर शांति नगर के निवासी स्वर्गीय रामऔतार सिंह की तृतीय पुण्यतिथि उनके पैतृक गांव में कोरोना काल के चलते सादगी पूर्ण माहौल में मनाया गया। जिसमें गांव के नर- नारियों के अलावा क्षेत्र के अन्य लोग भी अपनी सहभागिता किए। सर्वप्रथम स्व. रामऔतार सिंह जी के चित्र पर मुख्य अतिथि के रूप में युवा समाजसेवी, मिलनसार स्वभाव के धनी मरदह निवासी हरि प्रसाद पाण्डेय ने दीप प्रज्वलित कर भावों की अभिव्यक्ति के रूप में पुष्प अर्पित कर महान आत्मा को अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त किया। इसके बाद साथ ही परिवार जनों के साथ ही उपस्थित लोगों ने भी बारी- बारी से श्रृद्धा सुमन अर्पित कर उनके व्यक्तित्व, कृतित्व को याद किए। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि गांव में पले- बढ़े हम लोगों के मार्गदर्शक प्रेरणा स्रोत रहे स्व. राम अवतार सिंह एक कुशल समाजसेवी के साथ ही साथ मिलनसार छवि के व्यक्ति थे। प्रकृति के प्रति प्रेम तो उनके रग- रग में बसता था। शायद यही कारण है कि उन्होंने सैकड़ों विभिन्न प्रकार के पौधों को खेत खलिहान में लगाकर ताउम्र इस धरती को हरा भरा करते हुए पर्यावरण सुरक्षा के प्रति लोगों को अलख जगाते रहे साथ ही गरीब असहायों की हरदम मदद कर सहायता करने के साथ ही उनके सुख-दुख में सहभागी बनते रहे। सादगी ही उनके जीवन की जमा पूंजी रही इसलिए सुबह -शाम ग्रामीण क्षेत्र के लोग उनके साथ एकत्र होकर खानपान के साथ अपना सुख -दुख बाटते रहे। उन्होंने अपने जीवन काल में ही मानव सेवा व पर्यावरण सुरक्षा के लिए सृष्टि सेवा संस्थान की स्थापना भी किए जिसके तहत पौधारोपण का कार्य हर समय हर जगह होता रहा तथा गांव की प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल- कूद का आयोजन भी हरदम देखने को मिलता रहा। स्व.रामऔतार सिंह के यस्शवी पुत्र धनंजय सिंह जो कि वर्तमान समय में सृष्टि सेवा संस्थान के महासचिव और पीजीडीआई इंडस्ट्रीज नोएडा स्थित के सीईओ है उन्होंने कहा कि आज मैं जिस मुकाम पर हूं उसमें मेरे दिवंगत पिता जी की परवरिश और उनकी सीख है। उनके चले जाने के बाद भी उनके कार्यों को मैं अपने निजी जीवन की तमाम व्यस्तता के बावजूद भी गांव आकर पर्यावरण जागरूकता, पौधारोपण और खेलकूद के तमाम कार्यक्रम करा कर उनके सपनों को साकार करने का सार्थक प्रयास करता हूं। स्व.रामाऔतार सिंह की पुत्रबहू डॉ श्वेता सिंह जो जीआईसी प्रवक्ता हिंदी विभाग में कार्यरत हैं जिनकी शिक्षा -दीक्षा जेएनयू से हुई ने कहा कि मैं भी उनके जीवन से बहुत कुछ सीखी समझी हूं मैं भी जल्दी शिक्षा क्षेत्र में गरीब, असहाय और प्रतिभावान छात्र- छात्राओं को निखारने के लिए प्रत्यनशील हूं जिसकी झलक आने वाले समय में ग्रामीण अंचलों में देखने को मिलेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षक अजय राय ने बोलते हुए कहा कि भले ही पिता तुल्य स्व. सिंह साहब हम सभी के बीच आज नहीं है लेकिन उनके जीवन से सीख लेकर निश्चित रूप से हम सब समाज के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।पाली निवासी अमित राय ने कहा कि उनका जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय हैं। हम सभी को दृढ़ संकल्प लेकर उनके पद चिन्हों पर चलना चाहिए तभी हमारी वास्तव में उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि हो पाएगी। इस अवसर पर सरफराज अहमद ,राकेश सिंह, सुरेंद्र कुमार गुप्ता, मनोज यादव, आजादी सिंह, बृजमोहन राम,पकरावन राम, योगेंद्र यादव, विवेक सिंह, नचिकेत, अजय सिंह,प्रेम शंकर पाण्डेय, प्रवीण, अमित राय, उत्कर्ष राय आदि लोगों की गरिमामय उपस्थिति रही ।संचालन राकेश सिंह जी ने किया।