लेख विशेष:साहस,समझदारी और दूरदर्शिता से परिपूर्ण था आयरन मैन और आयरन लेडी का व्यक्तित्व और नेतृत्व

लेख विशेष:साहस,समझदारी और दूरदर्शिता से परिपूर्ण था आयरन मैन और आयरन लेडी का व्यक्तित्व और नेतृत्व

*लेख विशेष*

*साहस,समझदारी और दूरदर्शिता से परिपूर्ण था आयरन मैन और आयरन लेडी का व्यक्तित्व और नेतृत्व*---

यह अद्भुत,अनूठा और अविस्मरणीय संयोग है कि सारा देश 31अक्तूबर को भारत के आयरन मैन सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और आयरन लेडी श्रीमती इन्दिरा गांधी का शहादत दिवस एक साथ मनाता है। इन दोनों महान विभूतियों ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति,फौलादी इरादों , साहसिक निर्णयों और करिश्माई नेतृत्व से अंग्रेजों की निर्मम निर्लज्ज लूट के कारण आर्थिक रूप से लगभग कंगाल और खोखला हो चुके भारत को वैश्विक स्तर स्वावलंबी सक्षम और शक्तिशाली बनाने का श्लाघनीय कार्य किया । भारतीय बसुन्धरा को छोडते-छोडते शातिर अंग्रेजों ने भारत को भौगोलिक रूप खंडित विखंडित कर दिया था और अपनी विभाजनकारी कूटनीतिक साज़िशों और चालों से भारतीय जनमानस के मन मस्तिष्क और दिमाग़ को बहुविवीध रूप से विभाजित कर दिया था। इसलिए मानसिक एकता और भौगोलिक अखंडता एक बडी चुनौती थी। मानसिक और वैचारिक रूप से विभाजित और भौगोलिक रूप से खंडित विखंडित भारत को एकता अखंडता के सूत्र में पिरोने और वैश्विक स्तर पर स्वाभिमान के साथ खडा करने में आयरन मैन सरदार वल्लभभाई पटेल और आयरन लेडी श्रीमती इन्दिरा गांधी ने शानदार और ऐतिहासिक भूमिका निभाई । भारतीय इतिहास का अगर सूक्ष्मता से अध्ययन किया जाए तो पता चलता है कि स्वार्थी भोगी विलासी और धृतराष्ट्र सरीखे भारतीय राजाओं की महत्वाकांक्षाऐ जब-जब आपस में टकराई, वैमनस्य और विभाजनकारी प्रवृत्तियाॅ प्रभावी हूई और अंतर्कलह आपसी संघर्ष बढता गया और आपसी सौहार्द, आपसदारी आंतरिक एकता खतरे में पडी तो बाहरी शक्तियों की दखलंदाजी हमारे आंतरिक मामलों में बढती चली गयी बाह्य आक्रमण और हमले बढते गए। सरदार वल्लभभाई पटेल और आयरन लेडी श्रीमती इन्दिरा गांधी इतिहास की इस सच्चाई से पूरी तरह रूबरू थे । इसलिए भारत की एकता अंखडता को अक्क्षुण रखने के लिए इन दोनों महान विभूतियों ने अपने शासन काल में कई ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय लिये। इन दोनों महान विभूतियों द्वारा लिए गए निर्णय भारतीय राजनीति और भारत की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित हुए। एक तरफ जहां सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वाधीनता उपरान्त कुल चालीस प्रतिशत भारतीय भू-भाग पर फैले देशी राजे रजवाड़ों और नवाबो के साम्राज्य को नव स्वतंत्र देश का अटूट हिस्सा बनाने का ऐतिहासिक कार्य किया वहीं वैश्विक महाशक्तियों की धमकियों की कोई परवाह न करते हुए 1971 में श्रीमती इन्दिरा गांधी ने अपने साहसिक निर्णय से पाकिस्तान का इतिहास और भूगोल बदल दिया। भारत के पहले उप- प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री और श्रीमती माओ भंडारनायके के बाद विश्व की दूसरी महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व के स्मरण से भारतीय जनमानस को हिम्मत हौंसला मिलता रहेगा और भारतीय राजनीति ऊर्जस्वित ओजस्वित होती रहेगी।

साभार-

*मनोज कुमार सिंह -प्रवक्ता - बापू स्मारक इंटर कॉलेज दरगाह जनपद मऊ यूपी*