आत्म निर्भर भारत के निर्माण में सर्व प्रथम अपने कौशल को पहचाने -- डॉ गिरिश चंद्र

आत्म निर्भर भारत के निर्माण में सर्व प्रथम अपने कौशल को पहचाने -- डॉ गिरिश चंद्र

रिपोर्ट -- प्रेम शंकर पाण्डेय

राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के दूसरे दिन स्वयंसेवकों ने श्रमदान कर स्वच्छता का दिया संदेश

कासिमाबाद/गाज़ीपुर - क्षेत्र अंतर्गत गोपीनाथ पीजी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों यूनिट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विशेष शिविर के दूसरे दिन रविवार का सफलतापूर्वक समापन हुआ । कार्यक्रम का प्रारंभ सारे “जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा” लक्ष्य गीत एवं “हम होंगे कामयाब” गीत से हुआ। कार्यक्रम अधिकारी मुनव्वर अली ने स्वयं सेविकाओं को द्वितीय दिवस में होने वाली क्रियाकलापों से अवगत कराया। डॉ गिरीश चंद्र ने कहा कि आत्म निर्भर भारत के निर्माण मे सबसे पहले आप लोग अपने कौशल को पहचाने, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोई ना कोई प्रतिभा छिपी होती है ।

मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान देवली हीरा म‌णि चौहान जी ने कहा कि हमको कौशल के सहारे आगे बढ़ना है। आत्म-निर्भर भारत पर कार्यशाला का आयोजन कर विभिन्न  प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।


असिस्टेंट प्रोफेसर स‌ईदुज़्ज़फर ने बताया कि आत्मनिर्भर होने का अर्थ है, अपनी जीविका को चलाने की योग्यता का विकास करना। काम छोटा या बड़ा नहीं होता। बड़ी बात आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना है। जब तक हम श्रम का सम्मान नहीं करेंगे तब तक हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे।संचालन डॉ गिरीश चंद्र ने किया।