मदन मोहन राय : एक प्रेरक व्यक्तित्व किताब का विमोचन

रिपोर्ट -- प्रेम शंकर पाण्डेय
कासिमाबाद (गाजीपुर)। क्षेत्र अंतर्गत गांव पाली स्थित शिवमन्दिर पर गांव की प्राचीन श्रीरामलीला क्रम में राम-राज्याभिषेक के पश्चात गांव पाली के मूल निवासी वाराणसी में जन्मे वरिष्ठ पत्रकार लेखक कृष्णदेव नारायण राय द्वारा लिखित मदन मोहन राय एक प्रेरक व्यक्तित्व पुस्तक का विमोचन किया गया। विदित हो कि पाली की मिट्टी में जन्मे मदन मोहन राय जिनको सभी लोग मदन काका कहकर बुलाते थे उनका व्यक्तित्व पूर्वी उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव से लेकर बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र मुर्शिदाबाद जनपद के लालगोला तक फैला रहा।वे लेखक भी रहें।
पुस्तक लेखन को लेकर बोलते अच्चिदानंद पाण्डेय
उनकी दखल विज्ञान, साहित्य, राजनीति,खेल संगीत, शिक्षा और समाजसेवा हर क्षेत्र में भरपूर रही, उन्होंने जिधर भी रूख किया, कामयाबी ने माथा चूमा।शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मदन राय को 5 सितंबर 1990 को राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के हाथों पुरस्कार प्राप्त हुआ।
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति डा आलोक राय को पुस्तक भेंट करते मनीष माधव राय
विमोचन के समय सेवानिवृत्त शिक्षक अच्चिदानंद पाण्डेय ने संबोधन में कहा कि मदन राय की जीवन यात्रा गांव से निकलकर बंगाल तक के सफर एवं संघर्ष योगदान जीवन उपलब्धियां प्रेरणादाई है।लेखक ने बहुत ही सरल सहज ढंग से किताब में समेटकर आम जनमानस को भेंट किया है काबिले-तारीफ है ।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान कौशल किशोर राय,जितेंद्र नारायण राय(मुंशी), अपराजिता प्रसाद राय, मनोज राय,मनीष माधव राय, दीनानाथ वर्मा, प्रेम शंकर पाण्डेय, श्रीमती अंजू राय, अनिरूद्ध राय, लल्लू राय,शिंटू बाबा, अमन राय,सुधांशु, कमलेश ठाकुर, प्रदीप गुप्ता,अध्यक्ष पंकज राय सहित सैकड़ों महिला पुरुषों प्रबुद्धजनों की उपस्थिति रही।