आपरेशन सिंदूर:- सफलता का ढिंढोरा

आपरेशन सिंदूर:- सफलता का ढिंढोरा

रिपोर्ट - प्रेम शंकर पाण्डेय 

लोकसभा में "आपरेशन सिंदूर" पर बहस कल समाप्त हो गयी मगर 18-19 घंटे चली बहस में तमाम सवालों के जवाब नहीं मिले , जो सवाल पहले थे वह अभी भी मौजूद हैं... देश के 56" वाले प्रधानमंत्री राहुल गांधी की दी हुई चुनौती से भाग खड़े हुए. ‌

मगर सबसे बड़ा सवाल भारत को हुए नुकसान का है जिसपर आप देशप्रेम में सवाल करेंगे तो देशद्रोही कहलाए जाएंगे...आज के दौर में देशप्रेम वही है कि जो सरकार कहे उसी को सच मान लो।

आपरेशन सिंदूर में सारे सवालों पर चुप्पी रखते हुए भारत जीता और पाकिस्तान गिड़गिड़ाया इसे भी मान लो , मान लिया... नहीं माना जाएगा तो देशद्रोही कहलाऊंगा... मगर हकीकत यह है कि सेटेलाइट, रडार और AI के दौर में आप देश से सबकुछ सुना तो सकते हैं मगर दुनिया सब देख रही है‌ और उसे सब पता है...

हकीकत यह है कि पाकिस्तान में हार कर भी जश्न मनाया गया, 1971 की जंग का बदला लेने के तौर पर पूरे पाकिस्तान में इसे सेलेब्रिट किया गया, विक्ट्री परेड निकाली गई और हम भारतीय जीत कर भी तमाम सवालों में उलझे हुए निराश दिख रहें हैं...

सवाल तो यह है कि यदि आपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 100 आतंकवादी मारे गए तो उन 100 ना सभी 20-25 आतंकवादियों के नाम ही संसद में वैसे ही पढ़ देते जैसे गृहमंत्री ने आपरेशन महादेव के आतंकवादियों के नाम पढ़े या जैसे प्रियंका गांधी ने पहलगाम के आतंकवादियों के द्वारा मारे गए 25 लोगों के नाम पढ़े...

भाई अगर आपने 100 लाशें गिन कर बता दिया ली तो 100 लोगों का नाम भी बता दिया होता। यद्यपि कि कुछ आतंकवादी मारे गए इससे इंकार नहीं किया जा सकता मगर 100 के आंकड़े पर हम सिर्फ इसलिए यकीन करेंगे क्योंकि सरकार कह रही है... हालांकि सरकार झूठ बोलने में इक्सपर्ट होती है।

तो पाकिस्तान में घुस कर आतंकवादियों को मारने पर सीना ठोकना तो अच्छा लगता है फिर पाकिस्तान ने पुंछ में जो मारा वह क्या है? जिसमें 16 नागरिक और 9 पुलिस वाले शहीद हो गए? पाकिस्तान भी दावा कर रहा है कि उसने भारत में घुस कर मारा ..

आप भारत के गृहमंत्री अमित शाह जी की मानसिकता देखिए कि पाकिस्तान की इस गोलीबारी में गुरूद्वारा और मंदिर के नुकसान पहुंचने की बात तो कही मगर जामिया जिया उल उलूम मस्जिद को भी नुकसान पहुंचा‌ वह बोलने की हिम्मत वह नहीं कर सके, इसी को कहते हैं बिना राग बिना द्वेष बिना भेदभाव के काम करना।

ध्यान दीजिए कि इसी मस्जिद के सामने खड़े एक मदरसा शिक्षक कारी मोहम्मद इकबाल, की एक गोले के हमले में मृत्यु हो गई थी जिसे मीडिया ने पहले आतंकवादी बताया फिर माफ़ी मांगी।

पाकिस्तान ने यह कार्रवाई भारत के हिस्से में की , आपरेशन सिंदूर के जवाब में की , आपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों के सिर्फ हमारे पास सरकार द्वारा बताए नंबर हैं और पहलगाम तथा पूंछ में मारे गए लोगों का पूरा सज़रा और अथेंटिक नंबर 50....

इसके बाद लड़ाकू विमानों पर भी चुप्पी है जो पहले दिन आपरेशन सिंदूर में गिरे , पाकिस्तान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप इसकी संख्या 5 बता रहें हैं.... भारत सरकार चुप है...देश से छिपा रही है... जबकि सेटेलाइट और AI के दौर में दुनिया को पता है, राफेल बनाने वाली कंपनी डिस्साल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने माना कि एक रफाल गिरा है और इसके कारण डिस्साल्ट के शेयर 10% तक गिरे और कंपनी को 1 बिलियन EUR का नुक़सान हुआ। इसका अर्थ यह है कि सारी दुनिया को पता है कि कितने गिरे बस भारत के लोगों से छिपाया जा रहा है...

अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने संसद में मांग की है कि 35 राफेल की परेड कराई जाए और देश और दुनिया को बताया जाए कि हमारे सभी राफेल सुरक्षित हैं...

लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वरियर ने लोकसभा में कहा कि भटिंडा के भिसियाना एयरबेस के पास एक विमान का टेल अर्थात पिछला हिस्सा गिरा मिला जिस पर लिखा था BS001 राफेल गिरा जिसके कारण एक व्यक्ति की मौत हुई और 9 लोग ज़ख्मी हुए...वह मौके पर गये फोटो दिखाया और कहा कि एयर मार्शल भारती ने स्विकार किया कि यह एक एयरक्राफ्ट है। 

केरल से सांसद एडवोकेट के फ्रॉसिस जार्ज ने संसद में वैश्विक रिपोर्ट के आधार सैटेलाइट इमेजरी और विदेशी खुफिया रिपोर्ट से सिद्ध किया कि हमने 3 राफेल, 1 सुखोई 30MKI और 1 मिग 29 खो दिए हैं और यह सभी हमारे ही इलाके में मार गिराए गए।

इसके बावजूद सरकार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली , ना गृहमंत्री इसपर बोले ना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी...ना विमान गिरने के आरोपों से इंकार किया..

पाकिस्तान का क्या नुकसान हुआ यह तो बता नहीं मगर भारत के हुए नुकसान को हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं... जिसमें 1 राफेल विमान ₹1635 करोड़ में खरीदे गए, 3 की कीमत हुई ₹5000 करोड़ 1 सुखोई 30MK की कीमत ₹1200 करोड़ और एक मिग-29 ₹700 करोड़ अर्थात ₹6900 करोड़ के लड़ाकू विमान स्वाहा....जो 9 इंट सिमेंट की इमारतों की लागत से बहुत अधिक हैं...

सवाल यह भी है कि इसे मारा किसने ? चीन ने या पाकिस्तान ने? क्योंकि पाकिस्तान का कोई विमान गिरा इसका दावा तो भारत ने भी नहीं किया...

तो 6-7 मई की रात क्या हुआ? इसी को देश से छिपा कर अपनी PR अपनी मीडिया के ज़रिए जीत का ढिंढोरा पीटा जा रहा है.. मानना तो हमें भी पड़ेगा नहीं तो देशद्रोही कहलाए जाएंगे... गृहमंत्री संसद में डांट ही चुके हैं कि भारत के शपथ लिए विदेश मंत्री पर आपको विश्वास नहीं है......

साभार 

मोहम्मद जाहिद ✍️