समाजसेवी लाल मोहम्मद उर्फ झूलन शाह की मनी पुण्यतिथि

रिपोर्ट - प्रेम शंकर पाण्डेय
स्वतंत्रता सेनानी कामरेड सरजू पांडे के भामाशाह थे मरहूम झूलन शाह॥
हिंदु मुस्लिम एकता की मजबूत कड़ी थे स्व झूलन शाह
कासिमाबाद(गाज़ीपुर।समाजसेवी स्वर्गीय लाल मोहम्मद उर्फ झूलन शाह की मदरसा हिदायतुल इस्लामिया पर 73 वीं पुण्यतिथि मनाई गई।इस अवसर पर कुरान खानीका आयोजन हुआ।मौलाना अब्दुल खालिद ने कुरान पाक पढ़कर उनके रूहे पाक को बक्सा उनके लिए दुआएं मांगी गई मौलाना खालिद ने कहा कि स्व. लाल मोहम्मद उदारता की जीती जागती मिसाल थे उन्होंने अपने जीवन में मदरसा मस्जिद और कुओं का निर्माण कराया था वह आज भी कायम है ।विदित हो कि झूलन शाह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जुझारू नेता कामरेड इकबाल अहमद के पिता तथा कामरेड इरशाद अहमद के दादा थे।इस अवसर पर अपने दादा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सन 1938 में अपने पिता हाजी रोशन अली के नाम से मस्जिद का निर्माण कराया था एक मदरसा भी अपनी ही जमीन में बनवाया था आज भी गांव के बच्चे उसमें शिक्षा ग्रहण करते हैं। 6 जून सन 1952 को आज ही के दिन शुक्रवार को अल्लाह को प्यारे हो गए थे उनका चीनी मिल कोल्हू तथा गुड़ का लंबा कारोबार था उसको चीनी बनने के बाद जो शीरा बनता था उसको गांव के गरीबों में बांट देते थे अपने क्षेत्र में गरीबों के यहां जो भी बकाया था उसको अपने चारों लड़कों मकसूद अली जब्बार अहमद मोहम्मद जमीर तथा इकबाल अहमद को बुलाकर अपने अंतिम दिनों में कहा कि क्षेत्र तथा गांव के लोगों में जो भी बकाया है उसकी वसूली आप लोग नहीं करेंगे। नौजवान सभा के जिला अध्यक्ष कामरेड राजीव कुमार सिंह ने कहा कि गांव में घर-घर जाकर झूलन शाह देखते और सुनते थे कि जिनका चूल्हा नहीं जलता उनके यहां राशन भिजवाने का काम करते थे सन 1942 में स्वतंत्रता आंदोलन के समय कामरेड सरजू पांडे के नेतृत्व में स्थानीय कासिमाबाद थाना फूका गया था तब सरजू पांडे के साथियों को खाने-पीने का इंतजाम इन्होंने ही किया था जो हजारों की संख्या में थे यह सभी लोग गांव के मिडिल स्कूल पर ठहरे थे दवा इलाज की भी व्यवस्था की गई थी। आज भी लोग झूलन साहू की चर्चा करते हैं सम्मान के साथ प्रशंसा भी होती है स्वजातीय लोगों के अतिरिक्त हिंदू लोग भी जानते व मानते थे। जनाजे के समय जन सैलाब में स्वजातीय बंधुओ से अधिक संख्या में हिंदू लोग उपस्थित रहे थे ।
इस मौके पर नाजिम इम्तियाज अहमद मुनीश अंसारी सदर अंसार अहमद इरफान अहमद अफरोज आलम अफजाल अहमद अब्दुल कुददूस अंसारी नौशाद अहमद नूरुल अंसारी शाहनवाज अली मंजूर अहमद रामचंद्र शर्मा मोहम्मद फैसल सरवर अली आदि मौजूद रहे।
इस आयोजन की अध्यक्षता अमजद अली तथा संचालन अफजाल अहमद ने किया।